कम सिंचाई में अधिक मुनाफा: धमतरी में फसल चक्र परिवर्तन से किसानों की आय बढ़ाने की पहल
धान के विकल्प बने चना-सरसों, 15 हजार हेक्टेयर में तिलहन की खेती
धमतरी.…. धमतरी जिले में कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। फसल चक्र परिवर्तन अब केवल नीति नहीं, बल्कि किसानों की व्यवहारिक पसंद बनता जा रहा है। रबी सीजन में किसान धान के स्थान पर कम सिंचित दलहन एवं तिलहन फसलों की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं। इसके पीछे राज्य शासन, जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग द्वारा किसानों के हित में किए जा रहे समन्वित और सतत प्रयास अहम भूमिका निभा रहे हैं।
कृषि विभाग द्वारा उच्च गुणवत्ता के खाद-बीज की उपलब्धता, समय पर मिट्टी परीक्षण, आधुनिक खेती-किसानी से संबंधित प्रशिक्षण तथा तकनीकी मार्गदर्शन किसानों को नई फसलों के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इसी क्रम में उप संचालक कृषि, धमतरी द्वारा ग्राम दरबा वीरेझर में उतेरा पद्धति से बोई गई सरसों फसल का निरीक्षण किया गया। आसपास के लगभग 15 ग्रामों में वर्षा आधारित असिंचित उतेरा पद्धति से 1000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में सरसों की खेती की जा रही है।
इन प्रयासों का परिणाम यह है कि जिले में वर्तमान में लगभग 10,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की खेती की जा रही है। वहीं 4,500 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में चना बोया गया है। इसके अलावा मक्का, मूंगफली, तुअर एवं अरहर जैसी फसलों का रकबा भी लगातार बढ़ रहा है। ग्राम परेवाडीह में फसल चक्र परिवर्तन एवं विभागीय योजनाओं के अंतर्गत चना लगभग 800 एकड़, सरसों 25 एकड़ तथा तिवड़ा 25 एकड़ में लगाया गया है।
उप संचालक कृषि मोनेश साहू स्वयं किसानों के खेतों में पहुंचकर फसलों की स्थिति का अवलोकन कर रहे हैं तथा आवश्यक तकनीकी सलाह दे रहे हैं। इससे पहले कलेक्टर अबिनाश मिश्रा भी खेत-खेत जाकर किसानों से संवाद कर चुके हैं और फसल विविधीकरण को लेकर उनका उत्साह बढ़ाया है।
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा का कहना है कि धमतरी जिले में हमारा लक्ष्य कम पानी में अधिक लाभ देने वाली फसलों को बढ़ावा देना है। धान के साथ-साथ दलहन एवं तिलहन फसलों की खेती से न केवल जल संरक्षण होगा, बल्कि किसानों की आय भी स्थायी रूप से बढ़ेगी। प्रशासन और कृषि विभाग किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।”
जिले में हो रहा यह फसल चक्र परिवर्तन भविष्य में टिकाऊ कृषि और समृद्ध किसान की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो रहा है।



