कुरूद । समस्त प्रज्ञा मण्डल एवं समस्त ग्रामवासी परखंदा के तत्वाधान में पांच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ पावन प्रज्ञा पुराण का लोकरंजन, लोमंगल कार्यक्रम का तीन दिवसीय आयोजन किया गया । जिसमें प्रखर प्रज्ञा मानस परिवार आछोला जिला महासमुंद के संचालक जगदीश साहू के मुखारविंद से कथा श्रवण एवं रोजाना गांव के पांच विवाहित जोड़े गायत्री महायज्ञ में शामिल होकर यज्ञ आहुति देकर पुंसवन संस्कार,विद्या आरंभ संस्कार,अन्नप्राशन संस्कार,मुंडन संस्कार ,जन्मदिन संस्कार और विवाह संस्कार संपन्न किया गया ।
यह मुख्य रूप से ब्रह्मा जी के पुष्कर में यज्ञ करने और पत्नी सावित्री के अनुपस्थित होने पर, वेदों की ज्ञाता देवी गायत्री से विवाह कर यज्ञ संपन्न करने की कहानी है, जिससे गायत्री को वेद माता और सृष्टि की आदि शक्ति का दर्जा मिला; यह कथा यज्ञ के महत्व, गायत्री मंत्र के जाप और जीवन में ज्ञान व शुद्धि लाने के लिए इसके लाभों को दर्शाती है, जिसमें विश्वामित्र द्वारा मंत्र के प्रचार और अग्नि के समान तेजस्वी जीवन जीने के आदर्श शामिल हैं। उक्त कथा में काफी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित हुए।




