मनीष सरवैया वरिष्ठ पत्रकार महासमुंद। केंद्रीय विद्यालय में 15 अप्रैल को बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की जयंती बड़े उत्साहपूर्ण वातावरण में मनाई गई। कार्यक्रम का आरंभ जे. के. चंद्राकर द्वारा मंच संचालन से हुआ, उन्होंने समस्त विद्यालय परिवार को बाबासाहेब अंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने हेतु आमंत्रित किया तथा भारतीय संविधान की अमूल्य वअतुल्य पुस्तक को बाबा साहेब की छबि के समीप रखकर उसका सम्मान किया ।
सामाजिक विज्ञान के शिक्षक विवेक शर्मा ने ओजस्वी तथा प्रेरक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण में डॉ. अंबेडकर की महत्वपूर्ण भूमिका तथा समानता और सामाजिक न्याय के लिए उनके दृष्टिकोण के बारे में बताया। इसके पश्चात डी. आर. यादव ने एक सारगर्भित भाषण तथा एक भावपूर्ण कविता प्रस्तुत की, जिसने सभी को गहराई से प्रभावित किया तथा बाबासाहेब द्वारा अपनाए गए मूल्यों और सिद्धांतों को श्रद्धांजलि दी।
विद्यालय के प्राचार्य संजय कंसल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सारा देश बाबा साहब का ऋणी है, आज की दुनिया में डॉ. अंबेडकर के विचार प्रासंगिक हैं तथा छात्रों को उनके ज्ञान, कड़ी मेहनत और न्याय के मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित किया। प्राचार्य ने कहा कि अंबेडकर जैसी दिव्य आत्मा हज़ार वर्ष में एक बार ही पैदा होती है केवल उनकी जयंती मना लेना ही पर्याप्त नहीं है अपितु उनके बताए समानता के सन्मार्ग पर चलकर ही हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।
कार्यक्रम का समापन श्री ओ.पी. चंद्राकर द्वारा प्रस्तुत औपचारिक धन्यवाद एवं आभार प्रस्तुति के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने संस्था प्रमुख प्राचार्य महोदय, सभी शिक्षक साथियों, प्रतिभागियों और उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस कार्यक्रम को सार्थक बनाने में महती भूमिका निभाई।
यह उत्सव डॉ. बी.आर. अंबेडकर के आदर्शों की याद दिलाता है और सभी को उनके बताए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।