Dhamtari : छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष नीलू शर्मा ने ली पर्यटन समिति की बैठक

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धमतरी…. छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष नीलू शर्मा ने कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में पर्यटन समीक्षा बैठक ली और जिले के पर्यटन क्षेत्रों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि धमतरी जीवनदायिनी महानदी के साथ ही सप्तऋशियों की तपोभूमि भी है। यहीं से महानदी का उद्गम हुआ है, जिसका पानी सिंचाई के साथ ही कारखानों और बिजली उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है।
उन्होंने कहा कि धमतरी जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं है। यहां रविशंकर सागर जलाशय गंगरेल बांध सहित एशिया का एकमात्र सायफन सिस्टम वाला माडमसिल्ली, सिहावा का श्रृंगऋषि पर्वत, कर्णेश्वर महादेव, सप्तऋषि, नरहरा जलप्रपात, जबर्रा हिल्स और वनों से आच्छादित नगरी विकासखण्ड लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है।
 श्री शर्मा ने कहा कि आज की बैठक में जिले के ऐसे पर्यटन स्थल, जहां अधिक संख्या में पर्यटक आते हैं, उनकी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई और उपस्थित जनप्रतिनिधियों तथा समिति के सदस्यों ने सुझाव भी दिये हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि  जिला प्रशासन द्वारा सिहावा क्षेत्र में महानदी को संवारने का जो काम किया जा रहा है, वह सराहनीय है।  छत्तीसगढ़ पर्यटन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूत बनाने के लिए अपने संबोधन में नीलू शर्मा ने कहा कि विजन छत्तीसगढ़ को ’’हमने बनाया है, हम ही सवारेंगे’’ के अनुरूप कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पर्यटन विकास के सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में जिले का भविष्य उज्जवल है इसमें रोजगार के भी बहुत संभावना है। श्री शर्मा ने कहा कि गंगरेल का मिनी गोवा, अंगारमोती मंदिर, ठेमली आईलैण्ड, सिहावा का कर्णेश्वर, श्रृंगीऋषि पर्वत, महानदी कुण्ड आदि को योजनाबद्ध तरीके से विकसित किया जायेगा।
 जिले के 5 प्रमुख पर्यटन स्थानों को किया जायेगा विकससित, धार्मिक स्थलों का होगा विकास  
  श्री शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के 5 प्रमुख पर्यटन स्थलों का चयन कर उन्हें विकसित किया जायेगा, जिसमें गंगरेल बांध, माडमसिल्ली बांध, नरहरा, जबर्रा और सिहावा क्षेत्र के विभिन्न पर्यटल स्थल शामिल है। इन स्थानों को  पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर सभी मूलभूत सुविधायें उपलब्ध करायी जायंेगी, ताकि आने वाले पर्यटकों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। साथ ही आसपास के लोगों को रोजगार भी मिल सके। इसके साथ ही जिले के प्रसिद्ध अंगारमोती माता मंदिर, विध्यवासनी  मंदिर और रूद्रेश्वर मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों का भी विकास किया जायेगा, जिनमें फाउन्टेन, लाईटिंग आदि लगाये जायेंगे।
कलेक्टर ने जिले के पर्यटन स्थलों की दी जानकारी
कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने बैठक में पॉवर प्वाईट प्रस्तुति के माध्यम से जिले के पर्यटन क्षेत्रों की जानकारी दी। उन्होंने इन पर्यटन क्षेत्रों के विकास की संभावनाओं के बारे में भी विस्तार से बताया। कलेक्टर ने बताया कि जिले में पर्यटन के तौर पर प्रसिद्ध रविशंकर सागर जलाशय गंगरेल बांध है। इसके साथ ही एशिया का एकमात्र सायफन सिस्टम वाला माड़मसिल्ली, जबर्रा में आदिवासी कल्चर के साथ ही टूरिस्ट के ठहरने के लिए हट बनाए गए हैं। वहीं सिहावा स्थित गणेश घाट महानदी उद्गम स्थल को पर्यटन के क्षेत्र में विकसित करने और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदाय करने के लिए काम किए जा रहे हैं। इसके साथ ही धार्मिक और आस्था से भरे अंगारमोती मंदिर गंगरेल, विंद्यवासिनी मंदिर सहित अन्य मंदिरों के दर्शनों के लिए दर्शनार्थी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। कलेक्टर ने सुझाव देते हुए बताया कि गंगरेल जलाशय में ठेमली आईलैंण्ड हैं, जहां ठंड और गर्मियों के मौसम में विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं, इसे बर्ड सेंचुरी के तौर पर भी विकसित किया जा सकता है।
बैठक में उपस्थित समिति के सदस्यों से पर्यटन क्षेत्रों क विकास हेतु सुझाव मांगे गये, जिसमें विधायक धमतरी श्री ओंकार साहू ने जिले के पर्यटन क्षेत्रों के प्रचार एवं रूद्री चौक में चौपाटी, गंगरेल मार्ग में लाईटिंग सहित डूबान क्षेत्र के भारतमाता मंदिर को विकसित करने की बात कही। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अरूण सार्वा ने  सिहावा क्षेत्र के महानदी उद्गम स्थल, कर्णेश्वर मंदिर, श्रृंगीऋषि पर्वत में मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने कहा। श्री रामू रोहरा वहीं जीवराखन मराई ने अंगारमोती माता मंदिर परिसर में व्यवस्थित दुकान, सड़क, पार्किंग व्यवस्था हेतु भूमि आदि सुविधायें प्रदान करने के सुझाव दिये। वहीं ने साथ ही समिति के सदस्य  विकल गुप्ता, दीपक कुमार, हेमवती ठाकुर इतिहासकार, शशि पवार आदि ने अपने-अपने बहुमूल्य सुझाव दिये।
अध्यक्ष नीलू शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन व्यवसायों को बढ़ावा एंव रोजगार के नए अवसरों में वृद्धि किये जाने के लिए न्यूनतम स्थायी पंूजी निवेश किये जाने पर सामान्य उद्योग की भांति अनुदान, छूट, रियायती दिये जाने हेतु  पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है।

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