धमतरी। भारत सरकार के ट्रायबल कोपरेटिव मार्केटिंग डेव्हलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (ट्राईफेड) के प्रबंध संचालक हृदयेश कुमार सोमवार को सुबह नगरी विकासखण्ड के केरेगांव पहुंचे। श्री कुमार केरेगांव में आयोजित धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के संतृप्तिकरण शिविर में शामिल हुए। उन्होंने शिविर में उपस्थित जनजातीय समुदाय के लोगों और हितग्राहियों से आत्मिक चर्चा की।
श्री कुमार ने शिविर में मौजूद लोगों से उनके गांवों में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। लोगों से ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, रोजगार, पढ़ाई-लिखाई, स्वास्थ्य आदि सुविधाओं के बारे में पूछा। कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा की मौजूदगी में ट्राईफेड के प्रबंध संचालक ने शिविर में विभिन्न विभागों के स्टॉलों का भी अवलोकन किया।
पूरे भ्रमण के दौरान कलेक्टर श्री मिश्रा ने उन्हें जिले में जनजातीय विकास और नगरी-मगरलोड क्षेत्र में जनजातीय समुदाय के लिए मौजूद रोजगार के संसाधनों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। केरेगांव शिविर में पहुंचने पर कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा और सीईओ श्रीमती रोमा श्रीवास्तव ने श्री हृदयेश कुमार का स्वागत बांस के बने फूलों से किया। मांदर की थाप पर स्थानीय लोगों और बच्चों ने रंगबिरंगी पोशाक में नाच-गाकर प्रभारी अधिकारी का स्वागत किया।
हृदयेश कुमार ने शिविर स्थल पर सेल्फी पॉईंट में फोटो भी खिंचवाई और नर्तक दल के सदस्यों से आत्मीय मुलाकात भी की। इस दौरान वनमण्डलाधिकारी श्रीकृष्ण जाधव, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग विमल साहू सहित विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।
नगरी की जड़ी-बूटियों से प्रभावित हुए श्री कुमार, व्यवसाय के लिए योजना बनाने दिए टिप्स
धरती आबा संतृप्तिकरण शिविर में हृदयेश कुमार ने स्थानीय वैद्यों द्वारा लगाए गए स्टॉल का अवलोकन किया। उन्होंने उपस्थित वैद्यों से क्षेत्र में मिलने वाली जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों की जानकारी ली। वैद्यों ने नगरी-मगरलोड के वनांचलों में मौजूद कई जड़ी-बूटियों के बारे में श्री कुमार को बताया और इनके संकलन तथा प्रोसेसिंग के लिए सहायता करने की मांग की।
कलेक्टर ने इस दौरान बताया कि जिले में औषधीय पौधों की खेती और जंगलों में औषधीय पौधों की अधिकता जनजातीय समुदाय के आजीविका का महत्वपूर्ण जरिया है। धमतरी से जड़ी-बूटियां कई बड़े शहरों और पतंजली, बैद्यनाथ, डाबर, नेचुरल्स जैसी बड़ी कम्पनियों को भेजी जाती हैं।
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में बूटीगढ़ में लगभग 160 प्रकार की जड़ी-बूटियां मिलती हैं। जिला प्रशासन ने इस क्षेत्र को हर्बल पार्क के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की है। इस दौरान धमतरी के लघु वनोपज संघ के पदाधिकारियों ने भी श्री कुमार से मुलाकात की और वनोपज आधारित उद्योगों को बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक सहायता देने की मांग की। श्री कुमार ने प्रतिनिधियों को बताया कि वे स्थानीय स्तर पर वनधन प्रोडक्ट इंटरप्रायजेस गठित कर कम्पनी के रूप में पंजीयन कराकर तत्काल शासकीय सहायता के लिए पात्र हो सकते हैं। ट्राईफेड द्वारा ही उन्हें तत्काल 64 लाख रूपये की सहायता मिल सकती है, जिससे धमतरी, नगरी, मगरलोड क्षेत्र मे वनोपज आधारित और जड़ी-बूटियों के प्रसंस्करण यूनिट, स्टोरेज के लिए सुविधाएं बढ़ाई जा सकती हैं।
पशुपालन से जनजातीय क्षेत्रों में स्वरोजगार बढ़ाने के कामों को मिले प्राथमिकता-श्री कुमार
केरेगांव में संतृप्तिकरण शिविर में ट्राईफेड के प्रबंध संचालक ने नगरी क्षेत्र के युवा उद्यमियों से भी बातचीत की और क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने की योजनाओं के बारे में जाना। युवा उद्यमी सरजू नेताम ने अपने अनुभव साझा किए। शिविर में श्री कुमार ने पशुपालन से जनजातीय समुदाय के विकास की कार्ययोजना पर भी बात की। कलेक्टर श्री मिश्रा ने बताया कि जिले में मुर्गीपालन, गौपालन, सूकर पालन, मछलीपालन जैसे रोजगार देने वाले कामों के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। जनजातीय बाहुल्य इलाकों में इसके लिए हितग्राहियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। लगभग एक हजार से अधिक हितग्राहियों के किसान क्रेडिट कार्ड भी बनवाए गए हैं।
इसी के साथ इस क्षेत्र में व्यवसाय के लिए दो हजार से अधिक प्रकरण विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत तैयार कर वित्तीय सहायता के लिए बैंकों को भेजे जा चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि लगभग 200 जनजातीय हितग्राहियों के लिए मछलीपालन की पौने छह करोड़ रूपये की कार्ययोजना स्वीकृति के लिए शासन को भेजी गई है। इसमें तालाब निर्माण से लेकर केज कल्चर, लाईनर वर्क आदि के काम शामिल हैं। श्री कुमार ने इस पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने जनजातीय लोगों को उनके व्यवसायों के लिए बाजार उपलब्ध कराने में भी सहायता करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।