धमतरी। नई दिल्ली से आए केन्द्रीय प्रभारी अधिकारी हृदयेश कुमार ने केरेगांव के धरती आबा संतृप्तिकरण शिविर में बैंक सखी श्रीमती लक्ष्मी ध्रुव के काम की भूरि-भूरि प्रशंसा की। सिर पर पल्लू, चूडियों भरे हाथ लेकिन लैपटॉप के की बोर्ड पर पड़ती उंगलियों ने श्री कुमार को बैंक सखी के स्टॉल पर रूकने के लिए विवश किया।
बैंक सखी के स्टॉल पर रूककर हृदयेश कुमार ने केरेगांव की लक्ष्मी ध्रुव से बैंक सखी बनने के बारे में पूरी जानकारी ली। लक्ष्मी ध्रुव ने बताया कि वे एम.ए. तक पढ़ी हैं, परन्तु नौकरी या रोजगार के सीमित अवसरों के चलते उन्होंने बैंक सखी बनने का निर्णय लिया। लक्ष्मी ने बताया कि कम्प्यूटर का बेसिक ज्ञान उन्हें पहले से ही था, जिससे बैंकिंग क्षेत्र में काम आसान हो गया।
उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने गांव में ही रहकर लोगों को बैंक से जुड़ी सुविधाएं देना शुरू किया। मनरेगा मजदूरी, महतारी वंदन योजना, पेंशन, प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि, बीमा, आधार अपडेट, नया खाता खोलना, मनी ट्रांसफर, एटीएम कार्ड अप्लाई करना जैसे अनेक जरूरी सेवाएं अब ग्रामीणों को घर बैठे मिल रही हैं। बैंक सखी बनने के बाद लक्ष्मी को हर महीने औसतन 4 से 5 हजार रुपये का कमीशन मिल जाता है, जिससे वे अपने परिवार का सहयोग भी कर रही हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बन चुकी हैं।
श्री कुमार ने लक्ष्मी के इस काम की प्रशंसा की और उन्हें गांव की दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बताया। उन्होंने लक्ष्मी को इमानदारी से काम करने, ग्रामीणों को बैकिंग सुविधाओ का लाभ दिलाने की समझाईश दी और उनके अच्छे भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं।