Dhamtari : पीपराहीभर्री के मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्र पहुंचे एमडी हृदयेश कुमार

धमतरी। धरती आबा अभियान के छत्तीसगढ़ प्रभारी और ट्राईफेड के एमडी हृदयेश कुमार ने सोमवार को नगरी विकासखण्ड के पीपराहीभर्री में बाला प्रोजेक्ट के तहत बने आंगनबाड़ी केन्द्र का अवलोकन किया और केन्द्र में उपलब्ध व्यवस्थाओं का जायजा लिया। आंगनबाड़ी केन्द्र पहुंचने पर स्थानीय ग्रामीणों ने श्री कुमार का ग्रामीण रीति-रिवाज से पैर धुलाकर और टोकरी की माला पहनाकर आत्मीय स्वागत किया।

श्री कुमार ने इस आंगनबाड़ी केन्द्र की दीवारों में बने रंग-बिरंगे आकर्षक फलों, फूलों, सब्जियों, जानवरों के चित्र सहित गिनती, अक्षर आदि की तारीफ की और नौनिहाल बच्चों को प्राथमिक ज्ञान के लिए उपयोगी बताया। श्री कुमार ने आंगनबाड़ी केन्द्र में मूलभूत व्यवस्थाओं जैसे कमरे, बिजली, शौचालय, पोषक आहार बनाने की जगह आदि का भी अवलोकन किया।

उन्होंने इस आंगनबाड़ी केन्द्र में खिड़कियों में लगी रैलिंगों में अंग्रेजी के एबीसीडी और वैदिक गणित की स्लेट की तर्ज पर रंग-बिरंगे छल्लों को बच्चों के लिए नया प्रयोग बताया। श्री कुमार ने आंगनबाड़ी केन्द्र की डिजाईन और व्यवस्थाओं की जमकर तारीफ की। उन्होंने कलेक्टर अबिनाश मिश्रा और सीईओ जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव से इस केन्द्र के बारे में विस्तृत जानकारी भी ली।

कलेक्टर श्री मिश्रा ने बताया कि इस शासकीय आंगनबाड़ी केन्द्र का क्षेत्रफल 80 वर्गमीटर है। इसमें एक हॉल, एक ऑफिस, रसोईघर, स्टोर रूम और शौचालय के साथ ही बच्चों के खेलने के लिए आंगन भी बना है। यह भवन विभिन्न योजनाओं के अभिसरण से बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए 11 लाख 69 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। इनमें मनरेगा से 8 लाख रूपये, एकीकृत बाल विकास परियोजना से 2 लाख रूपये और ग्राम पंचायत के 15 वें वित्त से एक लाख 69 हजार रूपये मिले हैं।

सीईओ श्रीमती श्रीवास्तव ने बताया कि इस आंगनबाड़ी केन्द्र में 6 माह से 6 साल तक के 14 बच्चे रोज सुबह आते हैं। यहां बच्चों को मेन्यू अनुसार रोटी, चावल, पोष्टिकता से भरपूर दाल-सब्जी दी जाती हैं। इसके साथ ही अचार, पापड़ और गुड़ भी उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं और शिशुवती माताओं को पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्र में छोटे बच्चों को खेल-खेल में भाषायी ज्ञान, बोलने के तरीके सिखाने के साथ ही अंक ज्ञान, गिनती, जंगली व पालतू जानवरों की पहचान, फूलों-सब्जियों आदि की जानकारी भी दी जा रही है। केन्द्र में गांव की सभी महिलाओं और युवतियों को भी नोनी सुरक्षा योजना, मातृ वंदन योजना, महतारी वंदन योजना, बालिका समृद्धि योजना, महिला कोष आदि योजनाओं की भी जानकारी मिल रही है।

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