बागबाहरा @ मनीष सरवैया । जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली एवं आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा जनजातीय वाचिकोत्सव 2023 का आयोजन आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान सभा गृह सेक्टर 24 नया रायपुर अटल नगर निकल संपन्न हुआ
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम मंत्री छत्तीसगढ़ शासन अनुसूचित जाति जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग स्कूल शिक्षा तथा सहकारिता विभाग रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव अनुसूचित जाति जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग स्कूल शिक्षा तथा सहकारिता विभाग द्वारिकाधीश यादव ने की।
वहीं विशिष्ट अतिथि की आसंदी पर भानु प्रताप सिंह अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग , पुसुराम मेरावी अध्यक्ष बैगा विकास अभिकरण,गिरधारी जी अध्यक्ष, सुखचंद कमार अध्यक्ष कमार विकास अभिकरण, मनकू राम बीरहोर विकास अभिकरण अध्यक्ष, कमला लेकाम अध्यक्ष अबूझमाड़ विकास अभिकरण, पीतांबर राम जी अध्यक्ष पहाड़ी कोरवा विकास अभिकरण, हुम्मन सी अध्यक्ष भूंजिया विकास अभिकरण अजय प्रसाद पण्डो अध्यक्ष पंडो विकास अभिकरण विराजमान रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत औपचारिक अतिथि स्वागत से प्रारंभ हुई। तत्पश्चात उपस्थित अतिथियों ने जनजातीय वाचिक उत्सव के इस समारोह को संबोधित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव ने जनजातीय वर्ग के अंतर्गत आने वाले आदिवासी समाज और प्रकृति के बीच स्थित संबंधों पर कोरोना काल का उदाहरण देते हुए सारगर्भित उद्बोधन दिया।
श्री यादव ने बताया कि आदिवासी समाज क्यों प्रकृति की पूजा करता है क्यों प्रकृति से जुड़ा होता है इस बात का पता है विगत महामारी के दौर में पता चला जब कृत्रिम ऑक्सीजन के लिए लोगों को तड़पते देखा गया। आदिवासी समाज आदिकाल से इस बात को जानता है कि मानव को जीवन यापन के लिए सब कुछ प्रकृति से बड़ी आसानी से प्राप्त हो जाता है इसीलिए आदिवासी समाज प्रकृति की पूजा करते हुए प्रकृति को सुरक्षित रखने का निरंतर प्रयास करता है। और यह सभी को आदिवासी समाज के लोगों से सीखना चाहिए ताकि भविष्य में मानव जीवन को सुरक्षित रखने के लिए प्रकृति भी सुरक्षित और संरक्षित रह सके।
इस दौरान बड़ी संख्या में अनुसूचित जनजाति समाज के पदाधिकारी गण तथा बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के पदाधिकारी गण उपस्थित रहे।
