जिसने शिव का नाम लिया और दूसरे का सम्मान किया, उन्हें भगवान शंकर के दर्शन होते ही हैं – पंडित प्रदीप मिश्रा

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प्रदीप मिश्रा के धनात्मक बातों से प्रभावित हो रहे हैं लोग
कुरूद। धमतरी जिले के कुरूद में 16 मई से लगातार 7 दिन तक चलने वाले भव्य शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। आज 17 मई को दूसरे दिन की कथा सुनने लगभग 80 हजार से अधिक भक्तजनों का विशाल समूह उपस्थित रहा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की धर्मपत्नी कौशल्या साय भी शिव महापुराण की कथा सुनने पहुंची। पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं से कहा कि दो बातें अपनी जिंदगी में उतारें उन्हें शंकर के दर्शन होते ही होते हैं। पहला भगवान शिव का नाम और दूसरा, दूसरे का सम्मान। उन्होंने कहा शिव कथा को सुनने वाले को शंकर भगवान को ढूंढने की जरूरत नहीं है महादेव खुद ब खुद उन्हें ढूंढते हैं।

कथा के प्रारंभ में छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की धर्मपत्नी कौशल्या साय, विधायक अजय चंद्राकर, प्रतिभा चंद्राकर, कमला देवी, श्रीधर प्रकाश शर्मा, उर्मिला शर्मा आदि ने पंडित प्रदीप मिश्रा का आशीर्वाद लेते हुए एवं शिव महापुराण को नमन किया। गौरी शंकर शिवमहापुराण के कथा प्रवक्ता भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्री शिवाय नमस्तुभ्यं से कथा प्रारंभ करते हुए कहा कि सच्ची पूजा वही करता है जो दूसरों को सम्मान देना जानता है इसलिए भोलेनाथ की पूजा के साथ-साथ दूसरों को सम्मान देना भी आवश्यक है उन्होंने भोलेनाथ का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने माता पार्वती को पुत्र गणेश को पुत्रवधू रिद्धि सिद्धि को और पुत्र, शुभ लाभ को पूज्यनीय स्थान प्रदान उनकी की पूजा करवा कर उनका सम्मान प्रदान किया। इसलिए हर शिव भक्त को सदैव अपने से छोटे हो या बड़े सभी का सम्मान करना चाहिए। सम्मान करने वाला हमेशा ऊंचे पदों पहुंचता है । सफल जीवन को पाने वाला बनता है।

उन्होंने कहा कि कभी दूसरों को अप शब्द ना कहें और दूसरों का अपमान ना करें, कभी दूसरों की बुराई ना करें। उन्होंने कहा कि यदि आपके मन में कपट, चुगली, बेईमानी भरी है तो आप कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। कथा के दौरान उन्होंने बीच-बीच में भजन की भी प्रस्तुति दी जिसमें श्रद्धालु मंत्र मुक्त होकर घूमते रहे। कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने कई प्रेरक वचन भी कहे। उन्होंने बताया कि किसी ने राम जी से पूछा कि आप एक ही जगह पर बैठकर रावण को मार सकते थे फिर 14 वर्ष का वनवास और सीता हरण यह सब होने के बाद रावण को क्यों मारा। उन्होंने बताया इसके जवाब में राम जी ने कहा कि मेरे जितने तपस्वी साधक, भक्तगण मेरा इंतजार कर रहे थे। मैं उनसे नहीं मिल पाता। इसलिए मुझे यह सब करना पड़ा। उन्होंने कहा कि दूसरों का अपमान करने वाला व्यक्ति घर बैठ जाता है। वहीं दूसरों का सम्मान करने वाला व्यक्ति आगे निकल जाता है। उनका कहना था कि कोई सत्य को छुपा नहीं सकता। पंडित मिश्रा ने कहा कि मैं भगवान शिव से कहता हूं कि कभी पुरुष की जेब खाली मत रखना और नारी की कभी को खाली मत रखना।

उन्होंने कहा कि यहां लोगों की डिग्री देखी जाती है लेकिन भगवान शिव के द्वार में लोगों की डिग्री नहीं देखी जाती लोगों के भक्ति, समर्पण और प्रेम देखा जाता है। कथा के दौरान प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं द्वारा भेजी गई चिट्ठियों का वाचन किया और शिव महिमा से प्रभावित लोगों के बारे में भी बताया। उन्होंने एक ईसाई धर्म की महिला द्वारा शिव भक्ति से प्रेरित होकर सनातन धर्म से जुड़ेने की बात भी बताई जिसे उस महिला ने स्वयं पत्र द्वारा पंडित जी को बताया था। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा की दुख में भी कभी दुखी मत रहो। उन्होंने कहा शिव ही सत्य है इसलिए सत्यम शिवम सुंदरम कहा जाता है। उनका कहना था कि शंकर को सत्य पसंद है।

कथा सुनने मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कोशिल्या साय, पूर्व विधायक रंजना साहू, वाशु चंद्रवंशी, जन सेवा समर्पण समिति से बंटी शर्मा, रतन शर्मा, उमा शर्मा, प्रकाश शर्मा, उर्मिला शर्मा, मालक राम साहू, भानु चंद्राकर, ज्योति चंद्राकर, भूपेंद्र चंद्राकर, दीपक बैस, चंद्रशेखर चंद्राकर, प्रमोद शर्मा, कृष्णकात साहू, अरुण केला, विजय केला, योगेश चंद्राकर, महेश केला, दीपक अग्रवाल, हरीश केला, गोविंद सद्दानी, विक्रम बंजारे, कमलेश चंद्राकर, गोविंद शर्मा, संतोष किशोर यादव, हरिशंकर सोनवानी, जित्तू अग्रवाल, पंकज नायडू, राजेश पवार, नरेश अग्रवाल, संतोष सोरी, ललित चंद्राकर, थानेश्वर शर्मा, संजय चंद्राकर, संजय चैनवानी, खिलेन्द्र देवांगन, प्रयास शर्मा, कान्हा अग्रवाल, कान्हा शर्मा, वृद्धि शर्मा, सृद्धि शर्मा, संतोष शर्मा, मनोज शर्मा, ललित शर्मा, सत्यप्रकाशा शर्मा, किशोर यादव,सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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