रायपुर। बंदियों के मानसिक एवं आध्यात्मिक उत्थान हेतु केन्द्रीय जेल रायपुर जेल प्रशासन एवं गीता परिवार के संयुक्त प्रयास से बंदियों को प्रतिदिन 1 घंटे गीता का ज्ञान तथा शुद्ध उच्चारण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वर्तमान में 21 कैदियों द्वारा गीता पाठकर गीता परिवार द्वारा आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण कर लिया गया है।
इस अवसर पर जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य द्वारा कैदियों से गीता सुनी गई तथा उन्हें प्रमाण पत्र प्रदाय किया गया। जेल अधीक्षक श्री शांडिल्य ने गीता के अध्याय 2 के श्लोक क्रमांक 38 का उदाहरण देते हुए कहा कि व्यक्ति को सुख-दुख, लाभ-हानि तथा विजय-पराजय में समान रहना चाहिये तथा निरंतर कर्मवान रहना चाहिए।
केन्द्रीय जेल रायपुर जेल प्रशासन तथा गीता परिवार के इस प्रयास से बंदी जेल में अपने जेल आने के कारण को स्वीकार कर अपने समस्त जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए जीवन के प्रति सकारात्मक हो रहे है। इस अवसर पर गीता परिवार की ओर से गीता की पुस्तकें वितरित की गई। गीता की परीक्षा उत्तीर्ण किये बंदियों को जेल अधीक्षक श्री शांडिल्य द्वारा विशेष परिहार देने की घोषणा की गई। गीता परिवार की ओर से श्रीमती सीमा मिश्रा मास्टर ट्रेनर एवं अन्य 4 सदस्य उपस्थित रहे।
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