नियद नेल्लानार योजना से ग्रामीणों को मिल रहा है योजनाओं का लाभ

सुदूरवर्ती ग्रामों के विकास में वरदान साबित होगी: रामविचार नेताम
प्रदेश के पांच जिला सुकमा, बीजापुर, दंतेवाडा, नारायणपुर और कांकेर में किया जा रहा है योजना का क्रियान्वयन
योजनाओं के समन्वय से बनाया जा रहा आदर्श ग्राम

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर माओवाद से प्रभावित इलाकों में नागरिकों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई नियद नेल्लानार योजना से लोगों को काफी सहूलियत मिल रही है। सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर जिले में स्थापित सुरक्षा कैम्पों के आसपास के पांच किलोमीटर की परिधि में ग्रामीणों को राज्य और केन्द्र शासन द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। आदिम जाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा है कि प्रदेश के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत जनसंख्या को सभी मूलभूत सुविधाएं दिलाने एवं उन्हें राष्ट्र की मुख्यधारा में जोड़ने में नियद नेल्लानार योजना एक वरदान साबित होगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इस योजना का शत्-प्रतिशत् क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। नियद नेल्लानार योजना की मॉनीटरिंग विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा एवं सचिव सह आयुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा द्वारा की जा रही है और योजना को मिशन मोड में संचालित किया जा रहा है।

क्या है नियद नेल्लानार योजना
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नियद नेल्लानार से तात्पर्य “आपका आदर्श ग्राम” है अर्थात् ऐसा ग्राम जहां पर निवासरत जनसंख्या को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा चुकी हैं और अब वह अन्य क्षेत्रों की तरह विकास के पथ पर आगे बढ़ने को अग्रसर है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा भी था ‘‘कि यदि देश का विकास करना है, तो सर्वप्रथम ग्रामों को विकास करना होगा’’। इसी बात को ध्यान में रखकर प्रदेश के 5 जिलों क्रमशः सुकमा, बीजापुर, दंतेवाडा, नारायणपुर एवं कांकेर में नियद नेल्लानार योजना क्रियान्वित की जा रही है, जिसमें इन जिलों के कुल 8 विकासखंडो में 23 सुरक्षा कैंपों के आसपास के 90 ग्रामों का विकास किया जा रहा है। इन सुरक्षा कैंपो के 5 किलोमीटर की परिधि में आने वाले ग्रामों में विभिन्न विभागों की योजनाएं संचालित कर इन ग्रामांे में मूलभूत सुविधाओं और शासन द्वारा संचालित व्यक्तिमूलक योजनाओं का सेचुरेशन किया जाना है।
अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत प्रथम चरण में चिन्हांकित विकासखंडों में स्थापित कैंपो के अंतर्गत शामिल ग्रामों में विभाग द्वारा दो गतिविधियों वन अधिकार सेचुरेशन एवं जिला-ब्लॉक स्तर पर आवासीय विद्यालय की स्थापना का कार्य किया जाना हैै।
वनाधिकार सेचुरेशन के अंतर्गत योजना में लक्षित क्षेत्रों में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वनाधिकार वितरण सुनिश्चित करने की दिशा में अब तक कुल 595 व्यक्तिगत, 178 सामुदायिक एवं 40 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरित किये जा चुके हैं। इसके अलावा मई माह में 10 दिवसीय अभियान के अंतर्गत लगभग 2593 नए आवेदन प्राप्त किये गए जिस पर जल्द कार्यवाही कर वनाधिकार देना सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि कोई भी पात्र हितग्राही योजना के लाभ से वंचित ना रहे।
नियद नेल्लार योजना अंतर्गत शामिल ग्रामों के विद्यार्थियों हेतु गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराने की दृष्टि से जिला-ब्लॉक में स्थापित आवासीय विद्यालय एवं आवश्यकतानुसार नए आवासीय विद्यालय स्थापित कर विद्यार्थियों का प्रवेश सुनिश्चित करना विभाग की इस योजना अंतर्गत एक प्रमुख दायित्व है। वर्तमान में लक्षित जिलों में कुल 79 प्री मैट्रिक छात्रावास, 20 पोस्ट मैट्रिक छात्रावास, 249 आश्रम व 8 एकलव्य आदर्श आवासी विद्यालय (ईएमआरएस) शालाएं मौजूद हैं। सर्वे अनुसार योजना अंतर्गत क्षेत्रों में विभिन्न शालाई स्तर पर लगभग 5866 शाला जाने योग्य विद्यार्थी है जिनमें से 4510 (76 प्रतिशत) वर्तमान में विभिन्न संस्थाओं में अध्यनरत हैं जबकि 880 विधार्थी अभी भी शालाओं में अध्यनरत नहीं हैं।
अधिकारियों ने बताया कि नियद नेल्लानार योजना के तहत शालाओं में प्रवेश संख्या बढाने की दिशा में विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें लक्षित ग्रामों के बच्चों और पालकों को शिक्षा के प्रति जागरूक करते हुए ईएमआरएस शालाओं में प्रवेश हेतु कोचिंग सुविधा प्रदान की गयी, जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चे ईएमआरएस में दाखिला ले सकें। इसके अलावा बच्चों की संख्या को देखते हुए प्रथम चरण में कुल 24 नए आवासीय विधालयों की स्थापना का प्रस्ताव है।

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