प्लास्टिक मुक्त रायपुर बनाना हम सबकी जिम्मेदारी – अरुण साव

उप मुख्यमंत्री ने ‘हरित स्वच्छता अभियान’ का किया प्रदेशव्यापी शुभारंभ

रायपुर। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने आज रायपुर के तेलीबांधा तालाब में ‘हरित स्वच्छता अभियान’ का राज्य स्तरीय शुभारंभ किया। अभियान के तहत लोगों को प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए प्रेरित और जागरूक किया जाएगा। पूरे प्रदेश में यह अभियान संचालित की जाएगी।

उप मुख्यमंत्री ने इस मौके पर स्वच्छता जागरूकता के लिए आयोजित वॉकेथॉन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को रायपुर को प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने की शपथ दिलाई। श्री साव एवं अन्य अतिथियों ने तेलीबांधा तालाब के किनारे झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया और दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता को शामिल करने के लिए प्रेरित किया। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, विधायक मोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा तथा महापौर मीनल चौबे भी शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुईं।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के निर्देश पर आयोजित पांच दिवसीय “हरित भारत-स्वच्छ भारत” अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि पर्यावरण का हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। आज विश्व में पर्यावरण संरक्षण एक बड़ी चुनौती है। ‘हरित भारत-स्वच्छ भारत’ के संकल्प के तहत हम रायपुर और पूरे प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त करने की दिशा में संकल्पित होकर कार्य करेंगे। प्लास्टिक मुक्त रायपुर बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है क्योंकि राजधानी से पूरे प्रदेश में जागरूकता का संदेश जाता है।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बताया कि भारत दुनिया में प्लास्टिक कचरा पैदा करने वाला पांचवां सबसे बड़ा देश है। देश में हर दिन करीब 26 हजार टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। इस प्लास्टिक का एक बड़ा हिस्सा ठीक से इकट्ठा नहीं किया जाता है, जिससे नदियां प्रदूषित होती हैं, नालियां बंद हो जाती हैं, मिट्टी दूषित हो जाती है तथा गलती से इसे खाने वाले जानवरों को नुकसान पहुंचता है। स्वच्छ भारत अभियान जैसे आंदोलनों ने नागरिकों को अपने आसपास की सफाई करने और कचरे का बेहतर प्रबंधन करने के लिए प्रोत्साहित किया है। भारत भी इस समस्या को हल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। सरकार ने प्लास्टिक के स्ट्रॉ, कटलरी और पॉलीथीन बैग जैसी कई सिंगल-यूज प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया है। देशभर में इस दिशा में नवाचार हो रहे हैं। पुणे, चेन्नई और इंदौर जैसे शहर पुनर्नवीनीकृत प्लास्टिक का उपयोग कर सड़कें बना रहे हैं, जिससे सड़कें मजबूत हो रही हैं और प्लास्टिक अपशिष्ट में कमी आ रही है।

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