
धमतरी। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा की पहल पर “उद्यम से विकास” श्रृंखला अंतर्गत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), महिला उद्यमियों, स्व-सहायता समूहों और पारंपरिक कारीगरों को डिजिटल माध्यम से बाज़ार से जोड़ने के उद्देश्य से आज एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। स्थानीय जिंजर लीफ रेस्टोरेंट में आयोजित इस कार्यशाला में “ई-कॉमर्स के माध्यम से बाज़ार पहुँच विकास” विषय पर जानकारी दी गई। यह कार्यक्रम भारत सरकार की आरएएमपी योजना के अंतर्गत आयोजित किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ महाप्रबंधक श्री
सुरेन्द्रपुरी गोस्वामी , अग्रणी प्रबंधक श्री इन्द्रकुमार टिलवानी, पुरुषोत्तम चंद्राकर, ओजस्वी कृषक उत्पादक संगठन द्वारा किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “स्थानीय उत्पादों को डिजिटल मंचों से जोड़कर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जा सकती है। यह कार्यशालाएँ उद्यमियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगी।”
कार्यशाला में फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड के एसोसिएट निदेशक श्री वरुण गोपालकृष्णन ने प्रतिभागियों को फ्लिपकार्ट मंच पर पंजीकरण की प्रक्रिया, उत्पाद सूचीकरण, प्रचार-प्रसार, ग्राहक सेवा तथा ढाक/डिलीवरी व्यवस्था की जानकारी दी। गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम), रायपुर के वरिष्ठ सहायक निदेशक श्री अमित उपाध्याय ने सरकारी खरीद पोर्टल पर पंजीकरण, निविदाओं में भागीदारी, उत्पाद कैटलॉग विकास तथा एमएसएमई इकाइयों को मिलने वाले लाभों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यशाला के डिजिटल मार्केटिंग सत्र में श्री मीमो प्रसाद, निदेशक, इन्टेलीग्रेटर टेक्नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड, रायपुर ने बताया कि सीमित संसाधनों में भी उद्यमीमोबाइल ऐप्स, सामाजिक मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम, तथा निःशुल्क ऑनलाइन डिज़ाइन टूल्सके माध्यम से अपने उत्पादों कीब्रांडिंग, दृश्यता और ग्राहकों तक पहुँचको प्रभावी ढंग से बढ़ाकरबिक्री में वृद्धिकर सकते हैं। उन्होंने कारीगरों को डिजिटल विपणन की मूल बातें जैसे- उत्पाद की अच्छी गुणवत्ता वाली तस्वीरें लेना, आकर्षक विवरण लिखना, ग्राहकों से संवाद बनाए रखना, नियमित रूप से सोशल मीडिया पर पोस्ट करना और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक ब्रांड के रूप में प्रस्तुत करने की रणनीतियाँ भी समझाई।
इस अवसर पर योगेश शर्मा, राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई , आरएएमपी सीएसआईडीसी, रायपुर ने आरएएमपी योजना के अंतर्गत राज्य में संचालित गतिविधियों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम, निर्यात प्रशिक्षण, डिजिटल विपणन, वित्तीय पहुँच और अन्य कई गतिविधियाँ प्रदेशभर में चल रही हैं, जिससे सूक्ष्म उद्यमों को प्रगति के अवसर मिल रहे हैं। कार्यक्रम में ज्ञानेश्वर सामल, संचालक, बडौदा आरसेटी ने भी उद्यमियों का मार्गदर्शन किया जिसमें स्व सहायता समूह के सदस्य अपने उत्पाद यथा बांस कला के उत्पाद, आर्गेनिक खाद्य उत्पाद, साबुन, डिटर्जेंट, सौंदर्य प्रसाधन उत्पादों का प्रदर्शन किया। मिलेट उत्पादक एवं प्रसंस्करणकर्ता मुरली साहू तथा अन्य लघु उद्यमियों ने ई-कामर्स प्लेट फार्म की विस्तृत जानकारी प्राप्त की एवं कार्यक्रम की सराहना की। इस कार्यशाला में कुल 62 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमें महिला उद्यमी, समूह सदस्य, पारंपरिक कारीगर और स्थानीय एमएसएमई प्रतिनिधि शामिल रहे। यह कार्यशाला स्थानीय उद्यमियों, महिला समूहों एवं कारीगरों की डिजिटल मंचों से जोड़ने, उत्पादों की ब्रांडिंग, विपणन और बिक्री क्षमता को बढ़ावा देने में कारगर होगा।