कुरुद। सिविल अस्पताल कुरुद द्वारा अस्पताल में भर्ती मरीजों के भोजन व्यवस्था हेतु खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा निविदा आमंत्रण हेतु विज्ञापन जारी किया गया है । जिसमें भंडार क्रय नियम को दरकिनार कर 6 दिन में निविदा प्रक्रिया को पूर्ण किया जा रहा है जबकि भंडार क्रय नियम में प्रथम निविदा हेतु 21 दिवस, द्वितीय निविदा हेतु 15 दिवस, तृतीय निविदा हेतु 7 दिवस निर्धारित है मगर खंड चिकित्सा अधिकारी सिविल अस्पताल कुरुद के लिए शासन द्वारा बनाये नियम मायने नहीं रखता स्वयं नियम तैयार कर आमजनों एवं शासन प्रशासन को आइना दिखाया जा रहा इससे लगता है कि इनके लिए शासन का नियम कागज में ही ठीक है।
भोजन हेतु आमंत्रित किये जाने वाले निविदा को अपने चहेते समूह को देने के उद्देश्य से आनन फानन में कम समय देकर निकाला गया है ताकि और कोई दूसरा समूह दस्तावेज पूर्ण न कर निविदा में सम्मिलित न हो सके और एक समूह को निविदा देकर मनमानी किया जा सके । अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिये जिस स्थान पर भोजन बनाया जाता है उसके बाजू में किचन से निकलने वाले सभी प्रकार के अपशिष्ट गड्ढे में इकट्ठा होता है । जहाँ से असहनीय बदबू आता है उस स्थान में कीड़े मकोड़े आदि पनपने से मरीजों को और बीमार बना सकता है एवं गंभीर बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ रहता है । किचन से निकलने वकले अपशिष्टो के बेहतर प्रबंधन के लिए अस्पताल प्रशासन जीवन दीप समिति द्वारा किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जाता है।
उच्च अधिकारियों को चाहिए कि जीवन दीप समिति मद से सिविल अस्पताल कुरुद में हुए खरीदी और करवाये जा रहे कार्यो का जाँच कर उचित कार्यवाही कर शासन को हुए हानि का वसूली किया जाये। अस्पताल परिसर में बने पुराने लैब के साथ साथ नये बिल्डिंग को तोड़वाकर वहाँ से निकले बहुत से सामग्रियों को भंडार क्रय नियम का पालन किये बगैर और न हि शासकीय प्रक्रिया अपनाकर उसका उपलेखन किया गया है । बल्कि स्वयं लाभ के लिए सामग्रियों को बेचकर पैसा डकार लिया है ।
शासन द्वारा कुछ दिन पूर्व संलग्नीकरण समाप्त करने हेतु आदेश जारी किया गया था जिसमे ऐसे अधिकारी कर्मचारी जिनको पदस्थापना स्थल से अन्य स्थान पर संलग्न कर रखा गया है आदेश के तहत संलग्नीकरण समाप्त कर मूल पदस्थापना स्थल में वापस भेजना था पर खंड चिकित्सा अधिकारी अपने चहेते लोगों पर शासन द्वारा जारी आदेश को अनदेखा करते हुए दो तीन लोगों पर लागू कर दर्जन भर संलग्न अधिकारी कर्मचारियों के ऊपर लागू न करते हुए सिविल अस्पताल कुरुद में संलग्न कर रखा गया है। यहाँ के अधिकारी शासकीय वाहन होते हुए शासकीय वाहन का उपयोग न कर निजी किराये के वाहन का उपयोग विभागीय कार्यो के साथ साथ निजी कार्यो हेतु उपयोग किया जाता हैं । जिससे शासन को बहुत आर्थिक नुकसान पहुंचा रहा जबकि शासन द्वारा डीजल हेतु पर्याप्त राशि विभाग को दिया जाता है। जब प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी को पक्ष जानने के संबंध में संपर्क करना चाहा तो कुरुद में नही थे तत्पश्चात समय शाम 07:00 बजे मोबाइल के माध्यम से संपर्क किया गया तो इनके द्वारा फ़ोन स्वीकार नही किया गया प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी के अनुपस्थिति में बीपीएम रोहित पाण्डेय से संपर्क किया गया तो उन्होंने भी फोन स्वीकार नहीं किया।
सिविल अस्पताल कुरुद में विकासखंड के 100 से अधिक ग्रामीणों के साथ साथ विकासखंड धमतरी, मगरलोड एवं और भी विकासखंड के मरीज उपचार हेतु आते है लेकिन यहाँ व्यवस्था के नाम पर शून्य है । जबकि शासन प्रशासन द्वारा बहुत सारी सुविधाएं मुहैया करवा रही है और राशि भी दे रही है पर प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी अपने निजी लाभ वाले कार्यो में राशि व्यय कर मरीजो के सुविधाओं से संबंधित कार्यो को नजरअंदाज कर दिया जाता है ये अधिकारी जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर अपने हित को ज्यादा तब्बजो दे रहे है । इनके द्वारा मरीजो के परिजनों का फ़ोन भी स्वीकार नहीं किया जाता है । लंबे समय से जमे होने के कारण यहाँ के अधिकारियों का हौसला बुलंद हो गया है। पूर्व में इसी प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र देने का मामला प्रकाशित हुआ था जिससे कई पात्र अभ्यर्थियों को स्वास्थ्य विभाग में निकले नौकरी के भर्ती प्रक्रिया में संदेह है । उक्त खबर प्रकाशित होने के बावजूद भी किसी प्रकार की कार्यवाही न होने से इनके हौसला और बुलंद हो गया है ।
शासन प्रशासन को चाहिए कि ऐसे अधिकारी पर उचित कार्यवाही हो ताकि आमजनों को और अस्पताल आने वाले मरीजों को न्याय मिले और मरीज हित में कार्य होने के साथ साथ मरीजों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो सके। वर्तमान में जिस समूह द्वारा भोजन प्रदान किया जा रहा उनका कार्यकाल को बिना किसी आपातकालीन स्थिति के तीन माह आगे बढ़ा दिया गया है जबकि उक्त समूह का कार्यकाल 1 वर्ष का था इससे प्रतीत होता है कि यहाँ के अधिकारी का नियमों से किसी प्रकार का लेना देना नहीं है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी एसके मंडल का कहना है, कि फ़ोन में जानकारी नहीं दे सकता। कार्यालयआ जाइए वर्जन दे दूंगा। विधायक प्रतिनिधि कृष्णकांत साहू ने कहा कि नियमों को ताक में रखकर स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए गुपचुप तरीके से निविदा अल्प समय के लिए प्रकाशित किया गया है।