अजय के सहयोग से कार्यक्रम सफल रहा
कुरूद। आयोजन करता कुरुद क्षेत्र के इतिहास में पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव कथा लोगों को धर्म के प्रति आस्था का संदेश देने का कार्य किया ।लेकिन इसके पूर्व जो इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए महीनो तैयारी किया है, उसके द्वारा तैयार किए गए मेहनत और कर्म साथ में आर्थिक, सामाजिक, बौद्धिक, वैचारिक, सहयोगात्मक, संदेश को सभी वर्गों को साथ लेकर सामाजिक एकता की शिद्धता के साथ लोगों में सहयोग किया. सार्वजनिक भावना जागृत किया और सभी लोगों ने बढ़-चढ़ कर अपना सहयोग प्रदान किया. इसका श्रेय आयोजन कर्ता के संरक्षक कुरुद विधायक अजय चंद्राकर एवं श्रीधर शर्मा परिवार को जाता है.जो इसके प्रमुख सहभागी बने जो अमूल्य है । रात दिन निशुल्क भोजन, निष्काम सेवा भावना से किया एवं इसी तरह अन्य प्रकार के सेवा में लगे उसकी जितनी तारीफ किया जाए कम है। इससे लगता है कुरुद क्षेत्र के जनता इस प्रकार के बड़े आयोजन में कदम से कदम मिलाकर चलेंगी ।
पं नरेश सचदेवा व्यापारी कुरूद ने कहा कि गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है कर्म ही पूजा है इसीलिए आडंबरों से दूर व्यक्ति को अपने कर्म में लीन होना चाहिए। अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू संस्थापक ओबीसी संयोजक समिति छत्तीसगढ़ ,ने कहा कि जिस तरह दूसरे के पैरों से चला नहीं जा सकता जिस तरह दूसरों के खाने से स्वयं की भूख नहीं मिटती ठीक उसी तरह दूसरों के प्रवचन सुनने से पुण्य या मोक्ष नहीं मिलता. पेट भरना है तो स्वयं खाना होगा. जो लोग धार्मिक आडंबर वाद चलाकर व्यापार करते हैं। उन्हें दिया गया दान व्यर्थ है दान करना ही है तो जरूरतमंद लोगों को करें। विद्यालय और धर्मशाला खोलने के लिए करें ।किसी कथा वाचक को दान करना आडंबर को बढ़ाने के अलावा कुछ भी नहीं है।
लाला चंद्राकार व्यापारी कुरूद महाराज बोलते हैं सबको दान करना चाहिए.यथाशक्ति और लोग निश्चित रूप से सनातन संस्कृति में दिल खोलकर दान करते हैं। भक्ति का संदेश देने वाले कथा वाचक जिस क्षेत्र में जाते हैं वहां गौव संस्थान ,गरीब, विकलांग, अपने खर्चे के लिए अतिरिक्त लोगों में सेवा भावना का संदेश देकर प्रत्येक कथा क्षेत्र में दान देकर खुद जाना चाहिए. इससे उस क्षेत्र के नागरिकों को लाभ के साथ-साथ सकारात्मक संदेश जाएगा।
एक बेरोजगार ने कहा कि यदि शिवजी में जल चढ़ाने से समस्या का समाधान हो जाता तो देश में कोई बेरोजगार, बीमार ,और गरीब, नहीं होते केवल लोगों को उल्लू बनाकर जो लोग अपना व्यापार चला रहे हैं ।उनसे सबको सावधान रहना चाहिए ।खासकर जनप्रतिनिधियों को अंधविश्वास फैलाने वाले कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के बजाय रोजगार और विज्ञान सम्मत कार्यक्रम को आगे बढ़ना चाहिए।