मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर आदिवासी क्षेत्रों में 19 जून को होगा सिकलसेल जागरूकता शिविरों का आयोजन

प्रदेश के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों सहित अन्य स्थानों में लगेंगे स्क्रीनिंग और जागरूकता शिविर

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर विश्व सिकल सेल के दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के सिलकलसेल रोग से पीड़ित राज्य के आदिवासी समुदाय के लोगों के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उप स्वास्थ्य केन्द्रों, ग्राम पंचायतों तथा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों, विभागीय छात्रावास, आश्रमों तथा अन्य विद्यालयों में सिकल सेल स्क्रीनिंग एवं जागरूकता शिविरों के आयोजन की भी तैयारियां की जा रही है। भारत सरकार की ओर से अधिकारीगण 19 जून को विश्व सिकलसेल दिवस पर देश के विभिन्न राज्यों में सिलकलसेल के प्रति जागरूकता और इस रोग से पीड़ित मरीजों से वर्चुअल चर्चा करेंगे।

आदिम जाति विकास विभाग के आयुक्त ने बताया कि भारत सरकार की ओर से विश्व सिकलसेल दिवस 19 जून को देश के विभिन्न राज्यों में सिलकलसेल के प्रति जागरूकता और इस रोग से पीड़ित मरीजों से वर्चुअल चर्चा करेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य के आदिवासी समुदाय के लोग सिकलसेल एनीमिया से ज्यादातर पीड़ित हैं। इन पीड़ित मरीजों के लिए आदिवासी क्षेत्रों बस्तर, बलरामपुर-रामानुजगंज एवं रायपुर में टू-वे-कनेक्टिविटी की व्यवस्था करने तथा शेष जिलों में वन-वे-नेटवर्क कनेक्टिविटी से वर्चुअल रूप से 19 जून को ही जुड़े रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा सभी कलेक्टरों, सहायक आयुक्तों एवं परियोजना प्रशासकों को पत्र जारी कर आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेश में सिकलसेल के लिए राष्ट्रीय स्तर का रिसर्च सेंटर प्रारंभ करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए है। पोस्टर, बैनर एवं वीडियों आदि के माध्यम से इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए है। इन शिविरों में स्थानीय जनप्रतिनिधि को उपस्थित होने आग्रह किया जाएगा।

क्या है सिकलसेल रोग

सिकलसेल एक आनुवांशिक रोग है। इसमें गोलाकार लाल रक्त कण (हीमोग्लोबिन) हंसिये के रूप में परिवर्तित होकर नुकीले और कड़े हो जाते हैं जिसके कारण शरीर की सभी कोशिकाओं तक पर्याप्त मात्रा मे ऑक्सीजन पंहुचने का काम बाधित होता है। ये रक्त कण शरीर की छोटी रक्त वाहिनी (शिराओं) में फसकर लिवर, तिल्ली, किडनी, मस्तिष्क आदि अंगों के रक्त प्रवाह को बाधित कर देते हैं। इसलिए समय पर इसका ईलाज बहुत जरूरी है।

ज्ञात हो कि राज्य के 33 जिलों के लक्षित 1 करोड़ 77 लाख 69 हजार 535 सिकल सेल स्क्रीनिंग के विरूद्ध कुल 1 करोड़ 11 लाख 06 हजार 561 स्क्रीनिंग की गई है। इसमें 1 करोड़ 06 लाख 24 हजार 245 स्क्रीनिंग निगेटिव पाई गई है। स्क्रीनिंग में 2 लाख 90 हजार 663 वाहक पाये गये हैं तथा 22 हजार 672 बीमारी प्राप्त हुई। इस प्रकार राज्य में स्क्रीनिंग का कुल प्रतिशत 63 है। राज्य में 1 लाख 68 हजार 981 स्क्रीनिंग कन्फर्मेशन की प्रक्रिया में है। राज्य में 75 लाख 79 हजार 257 सिकल सेल जेनेटिक कार्ड वितरित किये गये हैं। कार्ड वितरण का प्रतिशत 63 है।

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