महासमुंद @ मनीष सरवैया । भारत के 750 सरकारी स्कूल के छात्राओं द्वारा बनाए गए सैटेलाइट आजादी सैट एवं आजादी सैट 2.0 के असफलता से सफलता की कहानी अब पूरे विश्व के बच्चों के लिए प्रेरणादायक बन गई है। अमेरिकी मूल की उद्यमी लिसा ला बोनटे ने विश्व में प्रथम बार स्कूली छात्राओं द्वारा अंतरिक्ष में सैटेलाइट भेजने के इस साहसिक एवं ऐतिहासिक प्रयास पर अपनी किताब “इंस्टेड ऑफ क्राइंग कीप ट्राईंग” (हार के बाद ही जीत होती है) लिखी है, जो की हिंदी एवं अंग्रेजी में एक साथ लिखी गई है।
इस किताब में छत्तीसगढ़ से शामिल महासमुंद के शासकीय आशी बाई गोलछा कन्या उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय का भी उल्लेख है, जहां के प्राचार्य आर सिन्हा, एटीएल प्रभारी शिक्षक चंद्रशेखर मिथिलेश एवं 10 छात्राएं रेणुका चंद्राकर, तृप्ति साहू, किरण साहू, महिमा जांगड़े, मोक्षा ठाकुर, हीना साहू, चंचल साहू, नेहा यादव, राखी यादव, फ़िज़ा परवीन ने सेटेलाइट की प्रोग्रामिंग का कार्य किया था।