धमतरी @ विश्वनाथ गुप्ता। धमतरी नगर निगम चुनाव की महापौर की खुर्सी सहित कई वार्डो में एक तरफा चुनाव तो नजर आ रहा है की सामने वाला प्रत्याशी कमजोर है तो लाइन क्लियर है लेकिन कभी कभी चींटी भी हाथी को थका देती है पुरानी कहावत है इस लिए जनता के चुने जाने से पहले हवा हवाई बात करना सही नहीं है।
एक बारीकी महापौर को लेकर दमदार स्थिति भाजपा प्रत्याशी की मान सकते है क्यों की कांग्रेस प्रत्याशी विजय गोलछा का नामांकन रद्द होने पर दूसरी चीर परिचित प्रतिद्वंदी पार्टी भाजपा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है, लेकिन जनता का मूड का कोई भरोसा नहीं किया जा सकता किसको तख्त ताज पहना दे। क्योंकि निर्दलीय में भी बहुत समय से जनता से रूबरू रहे आवेश हाशमी,, श्याम देवी साहू ,बहुजन समाजवादी पार्टी के नेता आशीष रात्रे सहित और भी निर्दलीय है जो समीकरण बदल सकते है। ये जो राजतिलक है किसी का नही होता जनता जिसके पक्ष में होती है उसके सर पर ताज होता है।
कई वार्डो में निर्दलीय प्रत्याशीयो की बल्ले बल्ले हो सकती है कई दिग्गज पार्षद भी चुनाव हार सकते है कई दिग्गज पार्षद जो अपने वार्ड से बहुत जायदा उम्मीद लिए बैठे है उन पर लाख भरोसा करने के बाद भी हार का मुंह ताकना पड़ सकता है। हाल फिलहाल सबसे मजबूत स्थिति की पार्टी की डोर ही सबसे कमजोर दिख रही है जिसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। 2018-19 के चुनाव इसका जीता जागता परिणाम रहे है जब सारे एक्जिट पोल गंगा नहाने को मजबूर हो गए थे, तो मैदान में कमजोर खिलाड़ी देख ,,महुआ खाए हाथी की तरह लोटने से अच्छा है मजबूती से कमजोर से कमजोर खिलाड़ी का भी सम्मान कर प्रतिद्वदीता पर ध्यान दिया जाए ना की जीत का बिगुल फूंक कर कुभकर्णी नींद का नाम रौशन किया जाएं, वेट एंड वाच।