सुकमा में 500 करोड़ रूपए से अधिक लागत के विकास कार्यों की घोषणा की
रायपुर। बस्तर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजते हुए विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब बस्तर के कोने कोने का विकास होगा और विकास के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज सुशासन तिहार अंतर्गत सुकमा जिले के तोंगपाल में आयोजित समाधान शिविर को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने इस दौरान सुकमा जिले में 500 करोड़ रूपए से अधिक लागत के विकास कार्यों की घोषणा की और 16 करोड़ से अधिक की लागत के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण कर क्षेत्रवासियों को बड़ी सौगात दी। इस अवसर पर त्रिस्तरीय पंचायती राज सस्थाओं के जनप्रतिनिधि, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ.बसव राजु एस. भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन तिहार के अंतिम चरण में आप लोगों के बीच पहुंचकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। यहां का वातावरण बड़ा सुंदर है और महुआ की सुंदर छांव शीतलता दे रही है। उन्होंने परंपरागत रूप से स्वागत करने पर सभी का आभार जताया। श्री साय ने कहा कि बस्तर से बदलाव की बुलंद आवाज ने माओवादियों के हौसले पस्त कर दिए हैं। बस्तर में माओवाद अब अंतिम सांसे गिन रहा है। नक्सलगढ़ के रूप जाना जाने वाले सुकमा में स्कूलों की घंटियां बज रही हैं, बच्चे निर्भीक होकर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। श्री साय ने कहा कि प्रदेशव्यापी इस अभियान का उद्देश्य योजनाओं की वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन करना है।
आज देखने आया हूं कि प्रधानमंत्री आवास योजना का कार्य आपके गांव में सुचारू रूप से चल रहा है या नहीं, महतारी वंदन योजना की राशि माताओं-बहनों को समय पर मिल रही है या नहीं। उन्होंने कहा कि सुशासन तिहार के दौरान वे मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता पर विशेष रूप जानकारी ले रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन चरण में आयोजित सुशासन तिहार अपने उद्देश्य में सफल हुआ है। प्रशासन ने कड़ी मेहनत कर आपकी समस्याओं का समाधान किया है। श्री साय ने कहा कि ऐसा काम वही सरकार कर सकती है जिसकी नीति और नियत साफ है। हमने ईमानदारी से काम किया है, इसीलिए जनता के बीच जाकर अपना रिपोर्ट कार्ड रख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महतारी वंदन योजना से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं। हमने पूरे प्रदेश में पीएम आवास के माध्यम से लोगों के लिए पक्का मकान स्वीकृत कर उनके गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार सुनिश्चित किया है।
पहले ही कैबिनेट में हमने 18 लाख आवास स्वीकृत किया था, यह काम लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि हम किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान, 3100 रूपए प्रति क्विंटल के मूल्य पर खरीद रहे हैं। धान के दो वर्षों के बकाया बोनस की राशि भी किसानों को दी जा चुकी है। रामलला दर्शन योजना और मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के माध्यम से प्रदेशवासियों को धार्मिक स्थलों की यात्रा करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेंदूपता संग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए परिश्रमिक की दर प्रति मानक बोरा 5000 रुपए की दर स्वीकृत की गई है।