मानसून की विदाई से पहले दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की दस्तक, बिगड़ने लगी हवा की सेहत

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मानसून की विदाई से पहले ही दिल्ली-एनसीआर में हवा की सेहत बिगड़ने लगी है। एनसीआर के शहरों की हवा साफ व संतोषजनक से औसत श्रेणी में पहुंच गई है। बीते 24 घंटे में दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 130 आंकड़े के साथ औसत श्रेणी में रहा। सबसे खराब हवा 141 एक्यूआई के साथ गुरुग्राम की रही। 

वहीं, फरीदाबाद का 121, गाजियाबाद का 105, ग्रेटर नोएडा का 121, नोएडा 111 व दिल्ली के नजदीकी पलवल का एक्यूआइ 105 रहा। इसके अलावा मेरठ और हापुड़ की हवा ठीक रही है। उधर, प्रदूषण के घिरते खतरे को देखते हुए सरकारी एजेंसियां भी हरकत में आ गई। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पराली के समाधान के तौर पर बताए जा रहे बॉयो डीकंपोजर लैब का दौरा किया, जबकि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने पटाखों पर पाबंदी के आदेश जारी किए हैं। परिवहन विभाग वाहनों के प्रदूषण की जांच के लिए अपने प्रवर्तन दस्ते को बढ़ा रहा है।

सितंबर में होती है मानसून की विदाई 
दरअसल, दिल्ली में हर साल जून के आखिरी सप्ताह में मानसून का आगमन होता है व सितंबर के तीसरे सप्ताह में विदाई होती है। इस वर्ष 30 जून को दिल्ली-एनसीआर में मानसून ने दस्तक दी थी व इसके बाद पूरे जुलाई अच्छी बारिश हुई थी। इस वजह से प्रदूषण स्तर में गिरावट आई थी। अब सितंबर में मानसून की विदाई नजदीक आते ही हवा की सेहत बिगड़नी शुरू हो गई है। 

हवा की सुस्त रफ्तार व नमी का पड़ रहा प्रभाव 
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, इस समय हवा की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। साथ ही वातावरण में नमी का स्तर अधिक है। स्थानीय स्तर पर सड़कों से उड़ने वाली धूल, वाहनों से निकलने वाले प्रदूषक कण व औद्योगिक इकाइयों से होने वाला प्रदूषण नमी में घुलकर जम रहा है, जो कि एक सीमित क्षेत्र में बना हुआ है। साथ ही हवा की रफ्तार तेज नहीं होने की वजह से ये प्रदूषक फैल नहीं पा रहे हैं। इस वजह से हवा की गुणवत्ता बिगड़ रही है। केंद्र की वायु मानक संस्था सफर इंडिया के मुताबिक, 2.5 माइक्रोमीटर से कम आकार के कणों की पीएम 10 में 59 फीसदी  हिस्सेदारी रही है। मंगलवार को पीएम 10 का स्तर 116 व पीएम 2.5 का स्तर 53 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रहा। सफर का पूर्वानुमान है कि अगले तीन दिनों तक 10 से 12 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलेगी। 

प्रतिचक्रवात की वजह से पड़ रहा असर 
मौसम विशेषज्ञों की मुताबिक, अभी हवा की दिशा पूर्व की ओर बनी हुई है। इस वजह से हवा में नमी का स्तर अधिक है। वहीं, प्रतिचक्रवात की वजह से उत्तर-पश्चिम भारत में असर देखने को मिल रहा है। पंजाब व राजस्थान में अगले कुछ दिनों में बारिश की संभावना नहीं है। ऐसे में जल्द ही यहां से मानसून की विदाई संभव है, जबकि बंगाल की खाड़ी में निम्न दाब का क्षेत्र बनने की वजह से दिल्ली में अब भी बारिश के आसार हैं। यही वजह है कि बीते 24 घंटे में भी दिल्ली में बारिश दर्ज की गई है। 

एक जनवरी 2023 तक सभी प्रकार के पटाखों पर जारी रहेगा प्रतिबंध
राजधानी में सर्दी में होने वाले प्रदूषण की समस्या को देखते हुए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर आदेश जारी कर दिया है। यह प्रतिबंध एक जनवरी 2023 तक जारी रहेगा। हालांकि, इसे लेकर दिल्ली सरकार ने पूर्व में घोषणा की थी। साथ ही प्रतिबंध को लेकर डीपीसीसी व पर्यावरण विभाग को निगरानी के लिए कहा था। इस संबंध में डीपीसीसी ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि एक जनवरी 2023 तक किसी भी प्रकार के पटाखों के बिक्री, भंडारण, उत्पादन व प्रयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। इसे लेकर बीते वर्ष भी डीपीसीसी ने आदेश जारी किया था। पटाखों की निगरानी के लिए 15 टीमों का भी गठन किया गया था।

 प्रदूषण पर शिकंजा कसने के लिए सड़कों पर तैनात होंगी 80 से अधिक टीमें
दिल्ली में प्रदूषण पर शिकंजा कसने के लिए इस साल परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीमें बढ़ाई जा रही हैं। प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई के लिए इस बार 30 अतिरिक्त टीमें तैनात की जाएंगी। प्रवर्तन के लिए 36 दोपहिया वाहन और 20 चार पहिया वाहनों को मुस्तैद किया जाएगा। अभियान एक अक्तूबर के ग्रेडेड एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू होने से पहले ही शुरू किया जाएगा। इससे पहले पिछले साल परिवहन विभाग ने 56 टीमें तैनात की गईं थीं।

इस बार सर्दियों में प्रदूषण में बढ़ोतरी की आशंका को देखते हुए पहले ही तैयारी कर ली गई है। मियाद पूरी कर चुके वाहनों को सड़कों पर उतरते ही उन्हें कर स्क्रैप करने के लिए भेज दिया जाएगा। टीम के सदस्य मुख्य सड़कों के साथ साथ उन्हें जोड़ने वाली सड़कें और गलियों में भी तैनात रहेंगी। इसके लिए परिवहन विभाग की तरफ से जल्द विशेष अभियान की शुुरुआत की जाएगी ताकि प्रदूषण स्तर को नियंत्रित किया जा सके। पिछले साल परिवहन विभाग ने पेट्रोल पंपों पर भी अतिरिक्त टीमें तैनात की थी। 

क्या कहते हैं जानकार…

दिल्ली में अभी बारिश का दौर जारी रहेगा। अगले दो-तीन दिन तक बारिश की संभावना है। ऐसे में अभी मानसून की विदाई की तारीख बताना मुश्किल है। हालांकि, चार से पांच दिन में यह तय किया जा सकता है।
-राजेंद्र जेनामणि, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक, भारतीय मौसम विभाग

बारिश की बाद मौसम साफ होने से धूप तेज निकलने पर सीधे एनओएक्स और हाइड्रोकार्बन के साथ मिलकर रसायन क्रिया करते हैं, जिससे ओजोन का निर्माण होता है। यह भी प्रदूषण की प्रक्रिया है। वहीं, अब रातें भी ठंडी होना शुरू हो गई है औैर मौसम बदल रहा है। हवा की रफ्तार कम है और रात का तापमान कम हो रहा है। इस वजह से अब प्रदूषण बढ़ेगा। 
-डॉ.एस के त्यागी, पूर्व अतिरिक्त निदेशक, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

मौसमी परिस्थितियां बदल रही हैं और तापमान में अंतर आ रहा है। साथ ही स्थानीय स्तर पर होने वाले प्रदूषण के कण जम रहे हैं। हवा की रफ्तार कम होने की वजह से प्रदूषण के कण फैल नहीं पा रहे हैं और खराब हवा दर्ज हो रही है। 
-डॉ. दीपांकर साहा, पूर्व अतिरिक्त निदेशक, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

केंद्र सरकार ने पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और  हरियाणा को 600 करोड़ रुपये जारी किए हैं। दिल्ली सरकार को पहले के बकाया 1.56 करोड़ रुपये खर्च करने को कहा गया है। हरियाणा में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में  पैडी स्ट्रा पॉलिसी लागू की गई है। पंजाब में पराली पलटने की मशीन हैप्पी सीडर की खरीद पर सब्सिडी के लिए आवेदन की मोहलत 15 दिन बढ़ा दी गई है।

कृषि मंत्रालय के मुताबिक, वर्ष 2020 के मुकाबले 2021 में पराली जलाने की घटनाओं में 6.6 फीसदी कमी आई है। केंद्र सरकार का जोर इसे और कम करने पर है। अब केवल 25 फीसदी पराली जलाई जा रही है। पिछले साल अकेले पंजाब में ही 10 हजार प्राथमिकी दर्ज कराई गई थीं। इस बार सर्वाधिक जोर हरियाणा और पंजाब पर है।

पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में सात फीसदी की कमी आई है, जबकि हरियाणा में 30 फीसदी वृद्धि हुई है। हरियाणा में 2021 में सितंबर से नवंबर तक पराली जलाने के 6987 मामले आए थे, जबकि 2020 में यह संख्या 4202 थी। पैडी स्ट्रा पॉलिसी का मकसद पराली आधारित बायोमास, उद्योगों, कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट, ईंट भट्ठों में ईंधन के रूप में पराली इस्तेमाल बढ़ाना है।

पंजाब ने मंगलवार को कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, पर्यावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत, ऊर्जा मंत्री अमन अरोड़ा और स्कूली शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस व विशेषज्ञों के नेतृत्व में पराली से निपटने की रणनीति बनाई गई। राज्य में 27 सितंबर से पराली जागरूकता अभियान शुरू होगा। इस बीच, उत्तर प्रदेश और राजस्थान ने भी पराली जलने से रोकने की कवायद शुरू कर दी है। इसमें जागरूकता के साथ निगरानी पर विशेष जोर दिया जा रहा है। 

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मानसून की विदाई से पहले ही दिल्ली-एनसीआर में हवा की सेहत बिगड़ने लगी है। एनसीआर के शहरों की हवा साफ व संतोषजनक से औसत श्रेणी में पहुंच गई है। बीते 24 घंटे में दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 130 आंकड़े के साथ औसत श्रेणी में रहा। सबसे खराब हवा 141 एक्यूआई के साथ गुरुग्राम की रही। 

वहीं, फरीदाबाद का 121, गाजियाबाद का 105, ग्रेटर नोएडा का 121, नोएडा 111 व दिल्ली के नजदीकी पलवल का एक्यूआइ 105 रहा। इसके अलावा मेरठ और हापुड़ की हवा ठीक रही है। उधर, प्रदूषण के घिरते खतरे को देखते हुए सरकारी एजेंसियां भी हरकत में आ गई। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पराली के समाधान के तौर पर बताए जा रहे बॉयो डीकंपोजर लैब का दौरा किया, जबकि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने पटाखों पर पाबंदी के आदेश जारी किए हैं। परिवहन विभाग वाहनों के प्रदूषण की जांच के लिए अपने प्रवर्तन दस्ते को बढ़ा रहा है।

सितंबर में होती है मानसून की विदाई 

दरअसल, दिल्ली में हर साल जून के आखिरी सप्ताह में मानसून का आगमन होता है व सितंबर के तीसरे सप्ताह में विदाई होती है। इस वर्ष 30 जून को दिल्ली-एनसीआर में मानसून ने दस्तक दी थी व इसके बाद पूरे जुलाई अच्छी बारिश हुई थी। इस वजह से प्रदूषण स्तर में गिरावट आई थी। अब सितंबर में मानसून की विदाई नजदीक आते ही हवा की सेहत बिगड़नी शुरू हो गई है। 

हवा की सुस्त रफ्तार व नमी का पड़ रहा प्रभाव 

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, इस समय हवा की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। साथ ही वातावरण में नमी का स्तर अधिक है। स्थानीय स्तर पर सड़कों से उड़ने वाली धूल, वाहनों से निकलने वाले प्रदूषक कण व औद्योगिक इकाइयों से होने वाला प्रदूषण नमी में घुलकर जम रहा है, जो कि एक सीमित क्षेत्र में बना हुआ है। साथ ही हवा की रफ्तार तेज नहीं होने की वजह से ये प्रदूषक फैल नहीं पा रहे हैं। इस वजह से हवा की गुणवत्ता बिगड़ रही है। केंद्र की वायु मानक संस्था सफर इंडिया के मुताबिक, 2.5 माइक्रोमीटर से कम आकार के कणों की पीएम 10 में 59 फीसदी  हिस्सेदारी रही है। मंगलवार को पीएम 10 का स्तर 116 व पीएम 2.5 का स्तर 53 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रहा। सफर का पूर्वानुमान है कि अगले तीन दिनों तक 10 से 12 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलेगी। 

प्रतिचक्रवात की वजह से पड़ रहा असर 

मौसम विशेषज्ञों की मुताबिक, अभी हवा की दिशा पूर्व की ओर बनी हुई है। इस वजह से हवा में नमी का स्तर अधिक है। वहीं, प्रतिचक्रवात की वजह से उत्तर-पश्चिम भारत में असर देखने को मिल रहा है। पंजाब व राजस्थान में अगले कुछ दिनों में बारिश की संभावना नहीं है। ऐसे में जल्द ही यहां से मानसून की विदाई संभव है, जबकि बंगाल की खाड़ी में निम्न दाब का क्षेत्र बनने की वजह से दिल्ली में अब भी बारिश के आसार हैं। यही वजह है कि बीते 24 घंटे में भी दिल्ली में बारिश दर्ज की गई है। 

एक जनवरी 2023 तक सभी प्रकार के पटाखों पर जारी रहेगा प्रतिबंध

राजधानी में सर्दी में होने वाले प्रदूषण की समस्या को देखते हुए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर आदेश जारी कर दिया है। यह प्रतिबंध एक जनवरी 2023 तक जारी रहेगा। हालांकि, इसे लेकर दिल्ली सरकार ने पूर्व में घोषणा की थी। साथ ही प्रतिबंध को लेकर डीपीसीसी व पर्यावरण विभाग को निगरानी के लिए कहा था। इस संबंध में डीपीसीसी ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि एक जनवरी 2023 तक किसी भी प्रकार के पटाखों के बिक्री, भंडारण, उत्पादन व प्रयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। इसे लेकर बीते वर्ष भी डीपीसीसी ने आदेश जारी किया था। पटाखों की निगरानी के लिए 15 टीमों का भी गठन किया गया था।

 प्रदूषण पर शिकंजा कसने के लिए सड़कों पर तैनात होंगी 80 से अधिक टीमें

दिल्ली में प्रदूषण पर शिकंजा कसने के लिए इस साल परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीमें बढ़ाई जा रही हैं। प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई के लिए इस बार 30 अतिरिक्त टीमें तैनात की जाएंगी। प्रवर्तन के लिए 36 दोपहिया वाहन और 20 चार पहिया वाहनों को मुस्तैद किया जाएगा। अभियान एक अक्तूबर के ग्रेडेड एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू होने से पहले ही शुरू किया जाएगा। इससे पहले पिछले साल परिवहन विभाग ने 56 टीमें तैनात की गईं थीं।

इस बार सर्दियों में प्रदूषण में बढ़ोतरी की आशंका को देखते हुए पहले ही तैयारी कर ली गई है। मियाद पूरी कर चुके वाहनों को सड़कों पर उतरते ही उन्हें कर स्क्रैप करने के लिए भेज दिया जाएगा। टीम के सदस्य मुख्य सड़कों के साथ साथ उन्हें जोड़ने वाली सड़कें और गलियों में भी तैनात रहेंगी। इसके लिए परिवहन विभाग की तरफ से जल्द विशेष अभियान की शुुरुआत की जाएगी ताकि प्रदूषण स्तर को नियंत्रित किया जा सके। पिछले साल परिवहन विभाग ने पेट्रोल पंपों पर भी अतिरिक्त टीमें तैनात की थी। 

क्या कहते हैं जानकार…

दिल्ली में अभी बारिश का दौर जारी रहेगा। अगले दो-तीन दिन तक बारिश की संभावना है। ऐसे में अभी मानसून की विदाई की तारीख बताना मुश्किल है। हालांकि, चार से पांच दिन में यह तय किया जा सकता है।

-राजेंद्र जेनामणि, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक, भारतीय मौसम विभाग

बारिश की बाद मौसम साफ होने से धूप तेज निकलने पर सीधे एनओएक्स और हाइड्रोकार्बन के साथ मिलकर रसायन क्रिया करते हैं, जिससे ओजोन का निर्माण होता है। यह भी प्रदूषण की प्रक्रिया है। वहीं, अब रातें भी ठंडी होना शुरू हो गई है औैर मौसम बदल रहा है। हवा की रफ्तार कम है और रात का तापमान कम हो रहा है। इस वजह से अब प्रदूषण बढ़ेगा। 

-डॉ.एस के त्यागी, पूर्व अतिरिक्त निदेशक, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

मौसमी परिस्थितियां बदल रही हैं और तापमान में अंतर आ रहा है। साथ ही स्थानीय स्तर पर होने वाले प्रदूषण के कण जम रहे हैं। हवा की रफ्तार कम होने की वजह से प्रदूषण के कण फैल नहीं पा रहे हैं और खराब हवा दर्ज हो रही है। 

-डॉ. दीपांकर साहा, पूर्व अतिरिक्त निदेशक, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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