ग्रामीण आबादी भूमि में निवासरत हितग्राहियों को मालिकाना हक प्रदाय करने का है उद्देश्य
धमतरी। सुशासन का एक साल, छत्तीसगढ़ हुआ खुशहाल के तहत 8 जनवरी 2025 को स्थानीय डॉ. शोभाराम देवांगन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धमतरी के एकलव्य खेल परिसर में दोपहर तीन बजे से आयोजित स्वामित्व कार्ड, आबादी के अधिकार अभिलेख वितरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शिरकत करेंगे। इस दौरान वे जिले के ग्रामीण आबादी भूमि में निवासरत हितग्राहियों को मालिकाना हक प्रदाय करने के उद्देश्य से स्वामित्व कार्ड का वितरण करेंगे।
गौरतलब है कि धमतरी जिले के 644 ग्रामों में से 501 ग्रामीण राजस्व ग्रामों में ड्रोन के माध्यम से सर्वे (सर्वे ऑफ इंडिया से) कराया गया है। इन 501 ग्रामों के 1319 नक्शा शीटों का राजस्व अमला से भौतिक सत्यापन कराया जाकर 266 ग्रामों का प्रथम प्रकाशन कर दावा-आपत्तियों का निराकरण किया गया। साथ ही 85 ग्रामों के अभिलेखों का अंतिम प्रकाशन कर 85 ग्रामों, 78 ग्राम पंचायतों के 9402 अधिकार अभिलेख सॉफ्टवेयर में अपलोड किया गया। इसमें से 8 जनवरी 2025 को 9402 अधिकार अभिलेखों का वितरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा प्रतीकात्मक तौर पर 16 हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख (स्वामित्व कार्ड) वितरित किया जाएगा। शेष अधिकार अभिलेखों का वितरण संबंधित ग्राम पंचायतों/तहसीलों के जरिए हितग्राहियों को किया जाएगा।
वितरित स्वामित्व कार्ड की विशेषता है कि यह डिजीटल प्रणाली के रूप में तैयार किया जा रहा है। प्रत्येक भूखण्डों का पृथक-पृथक यू.एल.पिन नं. जेनेरेट हो रहा है, साथ में क्यू-आर कोड अधिकार अभिलेख में प्रिंट किया गया है। हितग्राही द्वारा क्यू आर कोड का स्कैन कराकर कहीं भी कभी भी प्रिंट कराकर उपयोग किया जा सकेगा। अधिकार अभिलेख की प्राप्ति हेतु किसी भी हितग्राही को किसी भी विभाग में जाने की आवश्यकता नहीं होगी और ग्रामीण आबादी भूमिधारकों के हितों के संरक्षण व संवर्धन के लिए शासन व प्रशासन दृढ़ संकल्पित है। बता दें कि स्वामित्व योजना का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण आबादी भूमि में निवासरत हितग्राहियों को मालिकाना हक प्रदाय करना, ग्रामीण आबादी स्थित स्थायी परिसंपत्ति के आधार पर बैंकों से ऋण और अन्य वित्तीय लाभ लेने हेतु सक्षम बनाएगी। इसके साथ ही शासकीय स्थायी परिसंपत्तियों का उचित पर्यवेक्षण किया जा सकेगा। अतिक्रमणमुक्त रखा जा सकेगा तथा परिसम्पत्ति और कर संग्रहण रजिस्टर के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की अवसंरचना के योजनाबद्ध विकास और मांग आंकलन प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाएगी तथा आबादी भूमिधारक अपनी भूमि का सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा करा सकेगा।