शिक्षा और एकता से ही होता है समाज, राज्य और देश की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

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रायपुर….मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने खड़िया अनुसूचित जनजाति उत्थान समिति के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा किसी भी समाज की प्रगति का सबसे मजबूत आधार है। उन्होंने समाज के सभी प्रबुद्धजनों और युवाओं से शिक्षा को प्राथमिकता देने और अगली पीढ़ी को सही मार्गदर्शन देने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि जनजातीय समाज की वास्तविक प्रगति तब होगी जब शिक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक एकता को समान रूप से बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और आने वाले वर्षों में विकास की नई ऊंचाइयां देखने को मिलेंगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा और एकता से ही समाज, राज्य और देश की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने खड़िया समाज के ऐतिहासिक सफर की चर्चा करते हुए 2011 में समाज को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल करने के ऐतिहासिक निर्णय को याद किया और इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रयासों की सराहना की।

कार्यक्रम की शुरुआत में माता सरस्वती और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद तेलंगा खड़िया के छायाचित्र पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर विधायक एवं सरगुजा क्षेत्र विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष श्रीमती गोमती साय, पूर्व विधायक श्री भरत साय, और समाज के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे।

13 महीनों में सरकार ने दिए विकास को नए आयाम

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मात्र 13 महीनों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटियों को जमीन पर उतार दिया है। उन्होंने बताया कि सरकार बनने के बाद पहली ही कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख परिवारों को लाभान्वित करने का निर्णय लिया गया।

उन्होंने कहा कि किसानों के हितों को प्राथमिकता देते हुए धान खरीदी की दर ₹3,100 प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है, जिससे पिछले दो खरीफ सीजन में किसानों को 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान बेचने का लाभ मिला है। इस वर्ष प्रदेश में 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी कर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया गया है।

वनवासी समाज के उत्थान के लिए सरकार के ठोस प्रयास

मुख्यमंत्री श्री साय ने वनवासी समाज के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि तेंदूपत्ता संग्रहण दर को ₹4,000 से बढ़ाकर ₹5,500 प्रति मानक बोरा कर दिया गया है, जिससे लाखों संग्राहकों को सीधा लाभ मिल रहा है।

इसके अलावा 70 लाख माताओं-बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महतारी वंदन योजना के तहत प्रति माह ₹1,000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है।

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