धमतरी…. निर्माणाधीन खरेंगा सड़क पर सुगम आवागमन के लिए जल्द ही मुरूमीकरण कराया जाएगा। इसके साथ ही सड़क पर समुचित ढाल बनाकर पानी निकासी की भी व्यवस्था की जाएगी। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने आज समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में इस सड़क पर तात्कालिक व्यवस्था के लिए मुरूम डलवाने के निर्देश लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने आज की बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा की। बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रोमा श्रीवास्तव सहित एडीएम श्रीमती रीता यादव और अन्य जिला स्तरीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
बैठक में कलेक्टर ने सुशासन तिहार के दौरान जिले में मिले मांग-शिकायतों संबंधी सभी आवेदनों का निराकरण आगामी 30 तारीख तक अनिवार्यतः करने के निर्देश दिए। उन्होंने आवेदनों के निराकरण में तेजी लाने को कहा। कलेक्टर ने प्राप्त आवेदनों में से दूसरे विभागों से संबंधित आवेदनों को उन विभागों को तत्काल ट्रांसफर करने को कहा, ताकि संबंधित विभाग के अधिकारियों को निराकरण का समुचित समय मिल सके। कलेक्टर श्री मिश्रा ने प्राप्त आवेदनों को विषयवार, योजनावार, मांग-शिकायत, व्यक्तिमूलक योजनावार अलग-अलग कर जल्द से जल्द निराकरण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सख्त निर्देशित किया कि 30 तारीख तक आवेदनों का निराकरण नहीं करने वाले जिला अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकेगी। सुशासन तिहार के दौरान जिले में लगभग दो लाख आवेदन मिले हैं, जिनमें से लगभग 12 हजार आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।
समय सीमा की बैठक में कलेक्टर ने सुशासन तिहार को सरकार की प्राथमिकता वाला अभियान बताते हुए आवेदनों के निराकरण में कार्यालय के सभी अधिकारी-कर्मचारियों की सहभागिता सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने बिना सक्षम कारण के किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को इस दौरान अवकाश स्वीकृत नहीं करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने जिले की चारों जनपद पंचायतों और सभी नगरीय निकायों में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों के अवकाश स्वीकृति के लिए संबंधित अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। ऐसे सभी अधिकारी-कर्मचारी अब संबंधित एसडीएम की अनुमति के बिना अवकाश पर नहीं जा सकेंगे। बैठक में कलेक्टर ने कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए जिले में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में शत्-प्रतिशत बच्चों की भर्ती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने वर्तमान में पुनर्वास केन्द्रों में क्षमता से कम बच्चों की भर्ती पर नाराजगी जताई। कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षकों और जिला पुनर्वास केन्द्र प्रभारी को आपसी समन्वय से काम करने के निर्देश दिए।
