डेयरी उद्यमिता से सुखसागर यादव की आर्थिक स्थिति सुदृढ़

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के पशुधन विकास विभाग द्वारा राज्य पोषित डेयरी उद्यमिता विकास योजना एवं राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के माध्यम से जिले के ग्रामीण पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में ग्रामीण आजीविका को सशक्त करने की नीति के अनुरूप संचालित योजनाओं से जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के सुखसागर यादव जैसे हितग्राहियों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है।

सुखसागर यादव, जो पूर्व में केवल खेती पर निर्भर थे, पशुपालन को एक सहायक गतिविधि के रूप में करते थे। उनके पास केवल एक देसी गाय थी, जिससे प्रतिदिन लगभग एक लीटर दूध का उत्पादन होता था, जिसका उपयोग केवल घरेलू आवश्यकता हेतु होता था। पशुपालन से किसी प्रकार की अतिरिक्त आमदनी नहीं होती थी। वर्ष 2024-25 में श्री यादव को राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के अंतर्गत 70 हजार रुपये की अनुदान सहायता प्रदान की गई। इसके माध्यम से उन्होंने एक उन्नत नस्ल की जर्सी गाय एवं एक साहिवाल गाय क्रय की।

वर्तमान में उन्हें प्रतिदिन औसतन 16 से 18 लीटर दूध प्राप्त हो रहा है। दूध विक्रय के माध्यम से उन्हें प्रति माह लगभग 25-30 हजार रूपए की आय हो रही है। साथ ही, कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से जन्मी उन्नत नस्ल की बछिया से भविष्य में उनकी आय में और वृद्धि की संभावना है।

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