Bagbahra : सभ्यताओं की उत्पत्ति के साक्षी नायक बंजारा समाज का गौरवशाली इतिहास- द्वारिकाधीश यादव

बागबाहरा @ मनीष सरवैया । सदगुरुदेव गुरु नानक देव जी की शिक्षा का अनुसरण करते हुए जीवन का निर्वाह करने वाले आदिकाल से जो व्यापारी रहे जिन्होंने सभ्यताओं की उत्पत्ति देखी और उसके साथ ही रहे ऐसे बंजारा नायक समाज का गौरवशाली इतिहास है। इसी समाज में पिच्छू नायक जैसा वीर योद्धा पैदा हुआ जिसकी तलवारों का लोहा समूचा विश्व मानता है। उक्त बातें छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव ने बागबाहरा स्थित टाउन हॉल में आयोजित बंजारा नायक समाज कौड़िया परी क्षेत्र के वार्षिक अधिवेशन के दौरान मुख्य अतिथि की आसंदी से कही।

कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य पिछड़ा वर्ग प्राधिकरण के सदस्य मोहन बंजारा ने की। वही विशेष अतिथि की आसंदी पर कृषक कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष महेंद्र चंद्राकर, मंडी अध्यक्ष तेजन चंद्राकर, शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ठाकुर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष श्रीमती हीरा सेतराम बघेल, ग्रामीण कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रवि निषाद, पार्षद रामकुमार रंजन ठाकुर, एल्डरमैन नवनीत सलूजा राहुल सलूजा देवेश साहू विष्णु महानंद विराजमान रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत बंजारा नायक समाज के आराध्य गुरु नानक देव जी एवं कुलदेवी की पूजा अर्चना से प्रारंभ हुई तत्पश्चात अतिथि स्वागत का दौर प्रारंभ हुआ जिसमें नायक समाज के पदाधिकारियों ने विशाल महा माला के साथ अतिथियों का स्वागत किया।

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव ने बताया कि यह नायक बंजारा समाज सदगुरुदेव गुरु नानक देव जी के पद चिन्हों पर चलते आ रहा है इसी समाज में पिच्छु नायक जैसा वीर योद्धा भी पैदा हुआ जिसकी तलवार का लोहा समूचा विश्व मानता था। आदिकाल से व्यापार करने वाला यह व्यापारी वर्ग जिसने इस समूचे भारतवर्ष को व्यापारिक एकता के सूत्र में बांधा इनका इतिहास गौरवशाली रहा है।

आगे श्री यादव ने कहा कि आदि काल से भारत के मूलनिवासी कहा जाने वाला यह नायक बंजारा समाज सभ्यताओं की उत्पत्ति का साक्षी है। अपने सम्मान और स्वाभिमान से समझौता न करने वाला बंजारा समाज ईमानदार, परिश्रमी व मेहनत कश है। प्राचीन सामाजिक व्यवस्था में यह समाज बैलों के क्रय – विक्रय का व्यापार करता था। बाबा लक्खीशाह बंजारा, बंजारा समाज के नायक माने जाते हैं। किंवदंती है कि जब मुग़ल बादशाह ने गुरू तेग बहादुर जी का शिर धड़ से अलग कर उनकी हत्या कर दी,तब बाबा लक्खीशाह बंजारा ही थे जिन्होंने सम्मानपूर्वक गुरु के शव का अंतिम संस्कार किया था। आज इस स्थान को शीशगंज गुरुद्वारा के नाम से जाना जाता है। यह देश की राजधानी दिल्ली में है। यहां बाबा लक्खीशाह बंजारा की स्मृति में एक पत्थर भी लगा है।प्रति दिन हजारों लोग इस पवित्र स्थल पर आते हैं,माथा टेकते हैं तथा बाबा का आशीर्वाद लेते हैं। ऐसे बाबा लक्खी शाह बंजारा जिस समाज में उत्पन्न हुए वह नायक बंजारा समाज है. इस दौरान उपस्थित अन्य अतिथियों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

इस अवसर पर समूचे छत्तीसगढ़ से नायक बंजारा समाज महासभा के विभिन्न पदाधिकारी व व सदस्यगण भी पहुंचे हुए थे जिनमें से प्रमुख रूप से भागवत नायक सदाशिव नायक गोकुल नायक महाराज सिंह नायक पंचराम नायक भागीरथी नायक आनंद राम नायक दुखी राम नायक चेतराम नायक रखी राम नायक क्षीरसागर नायक उमेश राठौर तथा नायक बंजारा महासभा के विभिन्न पदाधिकारी गण उपस्थित रहे।

इस दौरान नायक बंजारा समाज के वरिष्ठ गुहाराम नायक, प्यारे राम नायक आनंद राम नायक भगवान सिंह नायक श्री राम नायक मेहत्तर नायक धारू राम नायक हरजीत सिंह नायक मेहतरू राम नायक को वरिष्ठ जन सम्मान से सम्मानित किया गया साथ ही कौड़िया रत्न के रूप में जिला खनिज अधिकारी कोरबा ठाकुरदिया निवासी प्रमोद नायक ,समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बागबाहरा में पदस्थ गुलशन नायक ,सांख्यिकी अधिकारी खेमराज नायक सहित बड़ी संख्या में नायक समाज के पदाधिकारी व सदस्यगण तथा माताएं बहने उपस्थित रहे।

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