महिला समूहों की सदस्यों को लेखा पुस्तिका संधारण, जीएसटी, इंकम टैक्स भरने का प्रशिक्षण मिलेगा
कलेक्टर की अध्यक्षता में सहकारी समितियों को मजबूत बनाने समीक्षा बैठक
धमतरी। सहकारिता से लोगों के जीवन को समृद्ध बनाने का उद्देश्य लेकर केन्द्र सरकार के सहकार से समृद्धि कार्यक्रम के तहत जिले की सभी 370 ग्राम पंचायतों में कम से कम एक सहकारी समिति गठित की जाएगी। इसके साथ ही विभिन्न सहकारी समितियों द्वारा लोगों को रोजगार मूलक कामों से जोड़ा जाएगा। जिले में संचालित प्राथमिक सहकारी समितियों और अन्य समितियों का लेखा-जोखा रखने, लेखा पुस्तकों का संधारण करने के साथ-साथ समितियों के जीएसटी और आयकर भरने जैसे कामों के लिए महिला समूहों की पढ़ी-लिखी सदस्यों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कलेक्टर अबिनाश मिश्रा की अध्यक्षता में समितियों को मजबूत बनाने के लिए किए जाने वाले उपायों और समितियों के कामों की समीक्षा की महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में सीईओ रोमा श्रीवास्तव, सहकारिता विभाग के संयुक्त पंजीयक डी.पी.टावरी, उप पंजीयक युगल किशोर वर्मा एवं प्रदीप ठाकुर, जीएसटी उपायुक्त श्रीमती शुक्ला सहित कृषि, पशुपालन, लीड बैंक और जिला सहकारी बैंक के अधिकारी भी शामिल हुए।
सभी प्राथमिक सहकारी समितियों को मिलेंगे सीएससी के आईडी, गांव स्तर पर मिलेंगी कई सेवाएं
बैठक में बताया गया कि जिले की 74 प्राथमिक सेवा सहकारी समितियों में कॉमन सर्विस सेन्टर आई डी. जेनरेट किया गया है। सीएससी सेन्टर के माध्यम से आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र बनाने के साथ-साथ बिजली बिल भुगतान से लेकर खातों से राशि निकालने जैसी विभिन्न प्रकार की ई-सेवाएं प्रदान की जाती है। बैठक में यह भी बताया गया कि इन सीएससी सेन्टरों में ट्रान्जेक्शन अति न्यून है, जिसे बढ़ाने के लिए शिविरों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किए जाने की आवश्यकता है, ताकि इसकी सेवाएं ग्रामीण स्तर तक सुलभ हो सके।
हर ग्राम पंचायत में बनेंगी सहकारी समितियां
बैठक में संयुक्त पंजीयक श्री टावरी ने बताया कि केन्द्र सरकार की मंशा अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक सहकारी समिति बनाया जाना है। वर्तमान में जिले में सहकारी समितिविहीन ग्राम पंचायतों में समितियों का गठन किया जाना है। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना पर विचार किया गया। कलेक्टर ने कृषि, पशुपालन, मछलीपालन से लेकर आजीविका मिशन तक के अधिकारियों को इसके लिए प्रयास करने के निर्देश दिए।
कृषि समृद्धि केन्द्र के रूप में विकसित होंगी सेवा सहकारी समितियां
ग्राम स्तर पर मौजूद प्राथमिक सेवा सहकारी समितियों को कृषि अनुकूल माहौल बनाने के लिए,कृषि समृद्धि केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगी। जिले में कार्यरत उर्वरक कम्पनियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उर्वरक कम्पनियां अपने से सम्बद्ध समितियों को टीवी, ड्रोन, टेबल, कुर्सी, रेक आदि विभिन्न प्रकार की सामाग्रियां उपलब्ध कराएंगी। कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित उर्वरक कंपनियों के अधिकारियों को यथा शीघ्र सामाग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विकासखण्ड मुख्यालयों में स्थित प्राथमिक सेवा समिति को ब्लॉक स्तरीय समृद्धि केन्द्र के रूप में विकसित करने को कहा।
महिला समूह की पढ़ी-लिखी सदस्यों को मिलेगा कम्प्यूटर, टैली जैसे रोजगारमूलक प्रशिक्षण
जिले में स्थित 74 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा अपने कृषक सदस्यों को खाद, बीज, कीटनाशक का नियमित विक्रय-वितरण करने के साथ ही उपभोक्ता दुकानों के माध्यम से अपने हितग्राहियों को शक्कर एवं मिट्टी तेल का विक्रय भी किया जाता है। इन वस्तुओं की खरीदी-बिक्री जीएसटी के तहत कर योग्य होने के कारण प्रत्येक तिमाही सम्पूर्ण लेनदेन के आधार पर जीएसटी रिर्टन फाईल करना अनिवार्य होता है।
बैठक में चर्चा की गई कि समिति कर्मचारियों को ज्ञान नहीं होने के कारण समिति द्वारा अन्य माध्यमों से उक्त कार्य करवाने पर अधिक फीस भुगतान करना पड़ता है। वार्षिक आयकर के निर्धारण एवं रिटर्न फाईल करने में भी समितियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस समस्या से निपटने और समितियों को कम खर्चे में इन सभी सेवाओं की सुविधा देने के लिए जिले में कार्यरत महिला समूहों की शिक्षित महिलाओं को कम्प्यूटर, टैली के साथ-साथ आयकर, जीएसटी भरने के काम में भी दक्ष किया जाएगा। ऐसी प्रशिक्षित महिलाओं से यह काम उचित समय एवं दर पर कराया जा सकेगा, जिससे समिति और महिला समूह दोनों को लाभ होगा।
जिले में कार्यशील सहकारी समितियों में लेखा पुस्तकों का नियमित संधारण नहीं होने के कारण अंकेक्षण करने एवं अंतिम वित्तीय पत्रक को प्रस्तुत करने में परेशानी होती है। इसके लिए भी समितियों का संपूर्ण रिकार्ड महिला समूह की प्रशिक्षित सदस्यों द्वारा कम्प्यूटराईज्ड कर दिए जाने पर ऑडिट व दूसरे काम शीघ्रता से पूरे होंगे। इसके साथ ही इस व्यवस्था से महिला समूह की सदस्यों के लिए अतिरिक्त रोजगार का सृजन होगा और उन्हें नियमित रोजगार की प्राप्ति होगी।