सफल उद्यमियों ने दी टिप्स, कॉलेज स्टुडेंट्स ने भी साझा किए आईडिया

धमतरी। धमतरी जिले में उद्यम से विकास श्रृंखला का आज दूसरा स्टार्टअप शिविर आज मगरलोड विकासखण्ड मुख्यालय में आईटीआई कॉलेज भवन में हुआ। युवाओं को स्टार्टअप शुरू कर रोजगार से जोड़ने के लिए कलेक्टर अबिनाश मिश्रा की पहल पर आज मगरलोड विकासखण्ड में स्टार्टअ शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में मगरलोड क्षेत्र के शिक्षित और कॉलेज में पढ़ने वाले युवाओं को स्टार्टअप शुरू करने और उसे चलाने से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं। इस शिविर में कलेक्टर श्री मिश्रा भी शामिल हुए।

उन्होंने शिविर में शामिल युवाओं और सफल उद्यमियों का उत्साहवर्धन किया। कलेक्टर ने अपने महाविद्यालयीन जीवन और उनके कई सफल साथियों के कामों का उदाहरण देते हुए मगरलोड के युवाओं को भी अपने-अपने स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रेरित किया। कलेक्टर ने सभी उपस्थित युवाओं को स्टार्टअप शुरू करने पर प्रशासन द्वारा हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। स्टार्टअप में जिला पंचायत की सीईओ श्रीमती रोमा श्रीवास्तव, भारत सरकार के उद्योग विभाग के विकास अधिकारी श्री किशोर इरपाटे सहित शासकीय कॉलेज और आईटीआई मगरलोड के प्राचार्य तथा प्राध्यापक भी मौजूद रहे।

इस शिविर में मगरलोड के स्थानीय उद्यमियों सहित रायपुर और भिलाई के स्टार्टअप उद्यमी भी शामिल हुए और मगरलोड के युवाओं को स्टार्टअप को शुरू करने, उसे चलाने में आने वाली परेशानियों से निपटने, मार्केटिंग आदि के टिप्स दिए। इस दौरान स्थानीय राईस मिलर उद्यमी श्री ओमप्रकाश देवांगन ने प्रतिभागियों को राईस मिल के बारे में बताया। पुरूषोत्तम साहू ने रैपिंग पेपर प्रिंटिंग, डिजीटल प्रिंटिंग का व्यवसाय शुरू करने की जानकारी दी। सफल उद्यमी डॉ.नरेश बंजारे ने कंपनियों के गठन और उनके काम करने के तरीकों के बारे में बताया।

वहीं बिजनेसगढ़ व स्टार्टअप के संस्थापक डॉ.डोमेन्द्र गंजीर और दुर्गेश गंजीर ने युवाओं को अपनी परिकल्पनाओं को व्यवसाय के रूप में अपनाकर सफल उद्यमी बनने के टिप्स दिए। मगरलोड कॉलेज के विद्यार्थी संदीप कुमार ने पौधों की ग्राफ्टिंग का स्टार्टअप शुरू करने, छात्रा कुमारी प्रिया जैन ने बेकरी व्यवसाय, पूर्व छात्र जितेन्द्र साहू ने पोल्ट्री व्यवसाय, छात्र विरेन्द्र कुमार बिंन्झेकर ने वर्मी कम्पोस्ट व्यवसाय से लेकर गुरूकुल महाविद्यालय के छात्र देवेन्द्र सेन ने स्टेशनरी व्यवसाय के बारे में अपने अनुभव साझा किए।

कलेक्टर बोले, युवाओं को खुद का स्टार्टअप शुरू करने प्रशासन से मिलेगी हरसंभव सहायता

कलेक्टर ने इस अवसर पर कहा कि ऐसे शिविर अभी विकासखण्ड स्तर पर हो रहे हैं। इन शिविरों के माध्यम से पूरे जिले से लगभग एक सौ स्टार्टअप शुरू करने के इच्छुक युवाओं को चयनित किया जाएगा। ऐसे सभी युवाओं को स्टार्टअप शुरू करने के लिए योजना बनाने, उसे चलाने, उत्पादन की मार्केटिंग आदि के लिए हरसंभव सहायता जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि स्टार्टअप शुरू करने के लिए कार्ययोजना बनाने से लेकर उसके लिए लोन, अनुदान, ब्रांडिंग, बाजार आदि में भी शासन की नीति अनुसार युवाओं को सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही ऐसे युवाओं को बड़े शहरों और औद्योगिक संस्थानों में एक्सपोजर विजिट की भी व्यवस्था की जाएगी। कलेक्टर ने यह भी कहा कि इच्छुक युवा डिक्सी और उद्योग एवं व्यापार विभाग के अधिकारियों से इस संबंध में सभी तरह की जानकारी और सहायता ले सकते हैं।

पढ़ाई-लिखाई का उद्देश्य सिर्फ नौकरी पाना न हो, और भी कई क्षेत्र संभावना से भरे-जनपद अध्यक्ष  बिरेन्द्र साहू

स्टार्टअप शिविर में उपस्थित मगरलोड जनपद पंचायत के अध्यक्ष   बिरेन्द्र साहू ने कहा कि आज के युवाओं को पढ़ाई-लिखाई के उद्देश्य को नौकरी पाने से आगे ले जाना होगा। पढ़ाई-लिखाई का उद्देश्य सिर्फ नौकरी पाना न होकर, अपने पैरों पर खड़े होने का प्रयास होना चाहिए। श्री साहू ने कहा कि नौकरी के अलावा भी कई क्षेत्र संभावनाओं से भरे हैं, जहां युवा सफल हो सकते हैं। उन्होंने अपना स्टार्टअप शुरू करने की इच्छा रखने वाले युवाओं को मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के साथ-साथ लोन आदि आर्थिक सहायता लेने की प्रक्रियाओं को और सरल करने पर भी जोर दिया, ताकि युवा आसानी से अपना व्यवसाय शुरू कर सकें।

धमतरी में स्टार्टअप की संभावना वाले क्षेत्र- आज हुए स्टार्टअप शिविर में शामिल युवाओं को धमतरी जिले में स्टार्टअप शुरू करने के क्षेत्रों कृषि, आदिवासी संसाधन, ईको टूरिज्म और सांस्कृतिक पर्यटन, वनोपज आधारित स्टार्टअप आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। युवाओं को कृषि के क्षेत्र में तकनीकी सेवाएं देने, मौसम पूर्वानुमान, मोबाईल आधारित किसान सहायता, कृषि उपकरण निर्माण आदि के बारे में स्टार्टअप शुरू करने की जानकारी दी गई।

 

ईको टूरिज्म के तहत धमतरी जिले में पर्यटन स्थलों पर होम स्टे, आदिवासी संस्कृति से संबंधित स्टार्टअप, प्राकृतिक पर्यटन आदि के बारे में बताया गया। इसके साथ ही स्थानीय हस्तशिल्प, दस्तकारी आदि पर आधारित स्टार्टअप के बारे में भी जानकारी दी गई। उपस्थित युवाओं को शासन द्वारा स्टार्टअप और उद्योग शुरू करने के लिए दी जाने वाली सुविधाओं और सहायताओं के बारे में भी बताया गया। छत्तीसगढ़ में उद्यम शुरू करने के लिए अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के युवाओं को एक रूपये प्रति एकड़ की रियायती दर पर भूखण्ड उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उनके कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण और छात्र स्टार्टअप तथा नवाचार नीति का क्रियान्वयन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में महिला उद्यमियों को प्राथमिकता का भी प्रावधान है।

जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र के महाप्रबंधक श्री गोस्वामी ने बताया कि उद्यम स्थापित करने के लिए शासन द्वारा विभिन्न प्रकार के लोन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब मुद्रा लोन की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रूपये कर दिया गया है। इसी के साथ लघु सूक्ष्म उद्योगों के लिए क्रेडिट गारंटी सीमा को भी दोगुना बढ़ाकर दस करोड़ रूपये तक कर दिया गया है। इसके साथ ही स्टार्टअप क्रेडिट गारंटी भी दी जा रही है।

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