
जिले की 60 समितियों में लगेंगे माईक्रो एटीएम
धमतरी। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा की पहल पर जिले में पशुपालन को लाभ का व्यावसाय बनाने हेतु कार्ययोजना तैयार कर कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज कलेक्टर श्री मिश्रा ने दुग्ध सहकारी समिति एवं जिले में समितियों द्वारा किये जा रहे संकलन की समीक्षा कलेक्टोरेट सभाकक्ष में की।
कलेक्टर श्री मिश्रा ने कहा कि दुग्ध का भुगतान 10 दिनों में किसी भी परिस्थिति में किया जाये और यह भुगतान सीधे उनके खातों में किया जाये। दुग्ध उत्पादकों की सुविधा हेतु जिले की 60 सहकारी समितियों में माइक्रो एटीएम स्थापित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। बैठक में उन्होंने विकासखंडवर दुग्ध संकलन की जानकारी लेते हुए संकलन की मात्रा कम होने के बारे में पूछा। अधिकारियों ने बताया कि भुगतान देर से होने के कारण दुग्ध बेचने वाले किसान रूचि नहीं लेते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए कलेक्टर ने समिति सचिव और एबीएफओ को पशुपालकों से चर्चा करने कहा।
कलेक्टर श्री मिश्रा ने समिति सचिवों से सीधे शब्दों में कहा कि समिति सचिव गांव में दुग्ध विक्रताओं से चर्चा कर उन्हें समितियों में दुग्ध विक्रय करने हेतु प्रेरित करें। किसी भी दुग्ध संग्रहण केन्द्र में एक दिन में 100 लीटर से कम दुग्ध की खरीदी होने पर समिति सचिव की जिम्मेदारी तय होगी। कलेक्टर ने पशुपालन विभाग के एबीएफओ से कहा कि इस कार्य में पंचायत सचिवों का सहयोग करें। इसके साथ ही उन्होंने जिन स्थानों पर दुग्ध का संग्रहण किया जायेगा, वहां बोर्ड में संग्रहण का समय प्रातः 6 से 8 बजे और शाम 5 से 7 बजे अनिवार्य रूप से चस्पा करने के निर्देश भी दिए। उन्हांने अधिकारियों को निर्देशित किया की दुग्ध खरीदी की रिपोर्टिग प्रतिदिन समय पर करें।
कलेक्टर श्री मिश्रा ने दुग्ध उत्पादकों के लंबे समय से लंबित भुगतान की भी जानकारी ली। उन्होंने समितियों को प्राप्त हो जाने पर भी दुग्ध संग्राहकों को भुगतान नहीं किए जाने का कारण पूछा। कलेक्टर ने भुगतान नहीं होने के कारण बंद हो रही समितियों के सचिवों को कार्यमुक्त करने को भी कहा। उन्हांने भुगतान प्राप्ति के बाद भी राशि को स्वयं के पास रखने और दुग्ध उत्पादकों को भुगतान नहीं करने वाले सचिवों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए।
बैठक में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के क्षेत्रीय उप महाप्रबंधक श्री तयाल और ऑपरेशन हेड एल.एन.एक्का, उप संचालक पशुपालन विभाग डॉ.एम.एस.बघेल सहित 50 से अधिक दुग्ध उत्पादक समितियों के सचिव और विभागीय सहायक पशु क्षेत्र अधिकारी उपस्थित रहे।