कुरूद नगर पंचायत ने स्वच्छता की दिशा में उठाया नया कदम, आम नागरिकों से सहयोग की अपील
कुरूद। नगर पंचायत क्षेत्र में स्वच्छता और सुविधा को प्राथमिकता देते हुए नगर पंचायत कुरूद द्वारा नगर के प्रमुख चौक-चौराहों पर स्थित पुराने सुलभ शौचालयों का जीर्णोद्धार कर आकर्षक रूप में नवीनीकरण किया गया है। इन शौचालयों को अब आधुनिक स्वरूप देकर, उनके रख-रखाव और निगरानी की जिम्मेदारी स्थानीय महिलाओं को सौंपकर एक सशक्त सामाजिक पहल की गई है।
नगर पंचायत अध्यक्ष ज्योति चन्द्राकर के मार्गदर्शन में प्रतिनिधि मंडल के रूप में विधायक प्रतिनिधि भानु चंद्राकर, पार्षद सुश्री कविता चंद्राकर, रवि प्रकाश मानिकपुरी एवं मिथलेश बैस, पूर्व पार्षद एवं प्रेष क्लब अध्यक्ष मुलचंद सिन्हा ने नगर के विभिन्न स्थानों पर स्थित इन सुलभ शौचालयों की ताला-चाबियाँ सभी नव निर्मित 10 सर्व सुविधा युक्त शौचालयों को महिलाओं को सौंपी गईं, जिससे वे अब इनके संचालन व निगरानी की भूमिका निभा रही हैं।
इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष ज्योति भानु चंद्राकर ने कहा कि “सुलभ शौचालयों का व्यवस्थित संचालन स्वच्छता मिशन की सफलता की नींव है। जब महिलाएं इनका संचालन करेंगी, तो शौचालय न केवल स्वच्छ और सुरक्षित रहेंगे बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में भी नई राह मिलेगी।”
उन्होंने नगरवासियों से अपील की कि “स्वच्छता केवल सरकार या नगर पंचायत की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है। कृपया इन सार्वजनिक सुविधाओं को स्वच्छ रखने में सहयोग करें और इन्हें अपने घर जैसी भावना के साथ उपयोग करें।”
यह पहल कुरूद नगर पंचायत की दूरदृष्टि का प्रतीक है, जिससे नगर को साफ-सुथरा रखने की दिशा में मजबूत कदम उठाया गया है। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए, यह निर्णय न केवल स्वच्छता को मजबूती देगा बल्कि महिलाओं की सामाजिक भागीदारी और आत्मनिर्भरता को भी नई पहचान प्रदान करेगा।
इन शौचालयों में पार्षद-अध्यक्ष निधियों से सी सी कैमरा लगाने की तैयारी के बारे में विधायक प्रतिनिधि भानु चन्द्राकर ने अवगत कराया।
यह पहल न केवल नगर की स्वच्छता व्यवस्था को नया जीवन दे रही है, बल्कि यह कुरूद नगर पंचायत अध्यक्ष ज्योति भानु चंद्राकर की दूरदृष्टि और नेतृत्व की जीवंत मिसाल भी बन गई है। महिलाओं को सुलभ शौचालयों की जिम्मेदारी सौंपना कोई साधारण फैसला नहीं, बल्कि यह उस सोच का हिस्सा है जो ‘सुविधा’ को ‘सशक्तिकरण’ में बदलने की क्षमता रखती है।
यह कदम स्वच्छता, सुरक्षा, सहभागिता और सम्मान — चारों मूल्यों को साथ लेकर चलता है। कुरूद नगर पंचायत ने यह साबित किया है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो हर चौक-चौराहा सिर्फ रास्ता नहीं, बदलाव का प्रतीक बन सकता है।