
मनीष सरवैया @ महासमुंद। महासमुंद जिला सावन माह में शिवभक्ति के रंग में रंगा नजर आ रहा है। जिले के ग्राम बम्हनी से हर साल सावन में कांवरियों की टोली बम्हनी से पवित्र जल भरकर प्रसिद्ध तीर्थस्थल सिरपुर स्थित भगवान शिव के मंदिर में जलाभिषेक के लिए पैदल यात्रा पर निकलती है। यह यात्रा लगभग 50 से 55 किलोमीटर की होती है, जिसे श्रद्धालु पूरी श्रद्धा, अनुशासन और भक्ति भाव से तय करते हैं।
कांवरियों के दल “बोल बम” और “हर हर महादेव” के जयघोष के साथ यात्रा प्रारंभ करते हैं, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठता है। रास्ते भर जगह-जगह सेवा शिविर, फल वितरण और जलपान की व्यवस्था स्थानीय वासियों द्वारा की जाती है, जिससे सामाजिक सौहार्द और सहयोग की भावना भी जागृत होती है।
धार बम्हनी का जल विशेष पवित्र माना जाता है, जिसे कांवरिये सिरपुर के प्राचीन शिव मंदिर में अर्पित करते हैं। इस यात्रा में बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी बड़ी आस्था के साथ सम्मिलित होते हैं। कांवरिया तो नंगे पांव चलते हैं, तो कुछ ‘डाक कांवर’ के रूप में दौड़ते हुए यात्रा पूरी करते हैं।
यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है और हर साल इसमें भाग लेने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। कांवर यात्रा न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक दृढ़ता, संयम और सेवा की भावना को भी प्रकट करती है। सावन माह में यह यात्रा महासमुंद जिले की धार्मिक चेतना और श्रद्धा का अद्भुत उदाहरण बन चुकी है। यह यात्रा महासमुंद के अलावा अन्य जिला जैसे गरियाबंद, बलोदाबजार, रायपुर , धमतरी से भी इस कांवर यात्रा में शामिल होने भक्त आते हैं और सब मनोकामनाएं पूर्ण होती है ।