
मनीष सरवैया वरिष्ठ पत्रकार महासमुंद। 1975 की वो रात, जब लोकतंत्र की लौ पर अंधकार की चादर डाल दी गई । आज, ठीक पचास वर्षों बाद, भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ ने इस ऐतिहासिक त्रासदी की पुनरावृत्ति को स्मरण करने एवं युवा पीढ़ी को लोकतंत्र की नाजुकता से परिचित कराने हेतु भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा 2 जुलाई को *’मॉक पार्लियामेंट’* आयोजित करने की घोषणा की है। यह आयोजन रायपुर स्थित अग्रसेन धाम में संपन्न होगा।
राज्य के वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी,बसना विधायक डॉ संपत अग्रवाल, आरंग विधायक खुशवंत सिंह साहेब ने आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित होने वाले मॉक पार्लियामेंट के पोस्टर का विमोचन किया । जिसमें भाजपा के युवा नेता सहित प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
विधायक डॉ संपत अग्रवाल ने कहा कि 25 जून 1975 भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में दर्ज सबसे काली तारीख़ थी। उस रात सिर्फ अधिकार नहीं छीने गए, बल्कि जनभावनाओं को अनसुना कर कांग्रेस की सत्ता की चाह में देश को बंदी बना दिया गया। इस ‘मॉक पार्लियामेंट’ का उद्देश्य इतिहास को पुनः मंचित करना है, ताकि आज की पीढ़ी महसूस कर सके कि लोकतंत्र कोई स्थायी उपहार नहीं, बल्कि सतत रक्षा की मांग करता है।
विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने कांग्रेस द्वारा लागू आपातकाल की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि व्यक्तिगत सत्ता-लिप्सा के लिए देश को झोंक देने वाली मानसिकता को उजागर करना आवश्यक है। लाखों नागरिकों की गिरफ्तारी, पत्रकारों की आवाज़ को कुचलना और विपक्षी विचारों पर प्रहार , यह सब लोकतंत्र के मौलिक सिद्धांतों के विरुद्ध था।
यह राष्ट्रहित में आयोजित प्रयास है जो जनता को याद दिलाने हेतु कि लोकतंत्र को सजग रहकर ही जीवित रखा जा सकता है।