कुरूद में द्वितीय सावन सोमवार पर शिवालयों में उमड़ी आस्था

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कुरूद…. सावन महीने के द्वितीय सोमवार को कुरूद नगर मे स्थित शिवालयों में हर हर महादेव की गूंज सुनाई दी।भोले भंडारी के सबसे प्रिय मास के प्रारंभ होते ही भक्तों में विशेष उत्साह नजर आ रहा है।इस पूरे महीने अलग अलग रूपों में महादेव जी की भक्ति की अविरल धारा से वातावरण में शांति और समरसता का संदेश मिलेगा।
कुरूद में स्थित जलेश्वर महादेव ,नीलकंठेश्वर महादेव ,अमृतेश्वर महादेव, वृंदेश्वर, नर्मदेश्वर,बटुकेश्वर, सिद्धेश्वर ,रामेश्वरम महादेव सहित विभिन्न शिवालयों में हर हर महादेव की गूंज के साथ भगवान शंकर जी के चरणो में भक्तों द्वारा आस्था की अविरल धारा उमड़ रही है। बेल पत्र ,पुष्प सहित साज श्रृंगार की सामाग्री भोले बाबा को अर्पित कर जनकल्याण की कामना की जा रही है।
मंदिरों में शिव जी के भजनों की माला जारी है।साथ ही भक्त गणों द्वारा विशेष पूजन का आयोजन और प्रसादी वितरण हो रहा है।कुछ स्थानों पर रुद्राभिषेक सहित विभिन्न भक्तिमय आयोजन हो रहे है।इसी तरह संध्याकाल में संगीत मंडलियों द्वारा भजनों के गान से वातावरण शिवमय हो रहा है।
 विदित है कि सावन के महीने को शिव जी की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना गया है. क्योंकि ये महीना देवाधिदेव महादेव को बहुत प्रिय है।सावन का महीना ऐसा महीना है, जिसमें छह ऋतुओं का समावेश होता है और शिवधाम पर इसका महत्व सबसे ज्यादा होता है। कहा जाता है कि शिव जी को प्रसन्न करने का सर्वोच्च उपाय रुद्राभिषेक ही है।साक्षात देवी और देवता भी शिव कृपा के लिए शिव-शक्ति के ज्योति स्वरूप का रुद्राभिषेक ही करते हैं।
 भारतीय संस्कृति में वेदों का इतना महत्व है तथा इनके ही श्लोकों, सूक्तों से पूजा, यज्ञ, अभिषेक आदि किया जाता है। शिव से ही सब है तथा सब में शिव का वास है, शिव, महादेव, हरि, विष्णु, ब्रह्मा, रुद्र, नीलकंठ आदि सब ब्रह्म के पर्यायवाची हैं। रुद्राभिषेक में शिवलिंग की विधिवत् पूजा की जाती है| शिव जी को पूजा में रुद्राभिषेक सर्वाधिक प्रिय है।रुद्र के पूजन से सब देवताओं की पूजा स्वत:सम्पन्न हो जाती है।

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