“जहाँ भोजन पेट ही नहीं, दिल भी भरता है – धमतरी की श्रम अन्न सहायता योजना की प्रेरणादायक मिसाल”

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धमतरी…. हर सुबह जब धमतरी की धरती पर सूर्य की पहली किरणें बिखरती हैं, तब उनके साथ एक नई उम्मीद भी जन्म लेती है – खासकर उनके लिए जो दिन-रात की मेहनत से दो वक्त की रोटी जुटाने में लगे हैं। इस उम्मीद को एक ठोस शक्ल दी है श्रम विभाग द्वारा शुरू की गई “शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न सहायता योजना” ने, जिसके अंतर्गत मात्र ₹5 में श्रमिकों को पौष्टिक और स्वादिष्ट थाली मिल रही है।
 
यह योजना केवल भूख मिटाने का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और गरिमा के साथ भोजन प्राप्त करने का अधिकार भी बन गई है। कलेक्टर अविनाश मिश्रा की संवेदनशील पहल पर धमतरी में योजना का विस्तार किया गया है। उन्होंने हाल ही में श्यामतराई स्थित सब्ज़ी मंडी में नए श्रम अन्न भोजनालय खोलने के निर्देश दिए, जिसे श्रम विभाग ने त्वरित क्रियान्वयन के साथ आज प्रारंभ कर दिया।
 
अब धमतरी शहर में कुल तीन श्रम अन्न भोजनालय संचालित हो रहे हैं:
1. कचहरी चौक (11:00 AM – 2:00 PM)
2. मकई गार्डन (8:30 AM – 11:00 AM)
3. सब्ज़ी मंडी, श्यामतराई (8:30 AM – 11:00 AM)
 
यह प्रयास न सिर्फ श्रमिकों को सुलभ भोजन प्रदान कर रहा है, बल्कि उन्हें गरिमा के साथ भोजन करने का अवसर भी दे रहा है।
 
        मकई गार्डन स्थित भोजनालय के शुरुआती दिनों में एक बड़ी समस्या सामने आई – खुले में धूप और बारिश के कारण भोजन करना मुश्किल हो जाता था। कभी चिलचिलाती गर्मी, तो कभी अचानक बारिश में अधूरा भोजन छोड़ना पड़ता था। लेकिन यहीं से एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत हुई।
 
महापौर रामू रोहरा और आयुक्त प्रिया गोयल के निर्देशन में नगर निगम ने इस समस्या को गंभीरता से लिया और दो स्थानों पर पक्के शेड का निर्माण कराया। अब श्रमिक बिना मौसम की चिंता किए सुकून से बैठकर भोजन कर पा रहे हैं। महापौर रामू रोहरा ने कहा: “यह सिर्फ छाया नहीं, एक मानवीय दृष्टिकोण है। नगर निगम आम जनता की मूलभूत आवश्यकताओं के प्रति सदैव संवेदनशील रहा है।
     आयुक्त  प्रिया गोयल और उपायुक्त पीसी सार्वा ने कहा: “यह योजना सिर्फ भोजन नहीं, गरिमा की रक्षा करती है। हर नागरिक को सम्मानपूर्वक भोजन करने का अधिकार है।
      आज, दर्जनों श्रमिक हर दिन इस सेवा का लाभ ले रहे हैं। उनके लिए अब धूप और बारिश कोई बाधा नहीं। कम जेब खर्च में अच्छा भोजन और गरिमापूर्ण माहौल, यही है इस योजना की असली सफलता।
     धमतरी ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब संवेदना और सेवा एक साथ चलें, तब योजनाएं केवल घोषणा नहीं रहतीं, वे जमीनी परिवर्तन बन जाती हैं।
धमतरी आज एक उदाहरण है – जहां ₹5 की थाली में केवल भोजन नहीं, बल्कि सम्मान, सहयोग और संवेदना परोसी जा रही है।

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