ऑयल पाम खेती की ओर आत्मनिर्भरता की नई दिशा: धमतरी में खाद्य तेल उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा

धमतरी…. देश को खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में धमतरी जिला तेजी से कदम बढ़ा रहा है। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (NMEO-OP) और छत्तीसगढ़ शासन की साझा पहल से जिले में ऑयल पाम की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए 3 एफ ऑयल पाम प्रा. लि. कंपनी को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है जो उद्यानिकी विभाग के साथ मिलकर कार्य कर रही है। धमतरी जिले को प्रारंभिक चरण में 300 हेक्टेयर में ऑयल पाम रोपण का लक्ष्य मिला है।
*कलेक्टर  अबिनाश मिश्रा स्वयं इस योजना की प्रगति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं और हर स्तर पर उसकी समीक्षा कर रहे हैं। किसानों को पौधारोपण से लेकर उत्पादन तक तकनीकी सहायता, अनुदान और फसल खरीदी की गारंटी आदि है।
धमतरी जिले को 300 हेक्टेयर में ऑयल पाम विस्तार का लक्ष्य मिला है। इसके अंतर्गत किसानों को पौधारोपण से लेकर उत्पादन तक व्यापक तकनीकी सहयोग, अनुदान और खरीदी की गारंटी दी जा रही है।
  किसानों के लिए ऑयल पाम खेती के लाभ:
•उच्च उत्पादन क्षमता: प्रति एकड़ 10 से 12 टन तक वार्षिक उत्पादन संभव।
•निश्चित खरीदी व्यवस्था: फसल बिक्री के लिए 3 एफ कंपनी से अनुबंधित खरीदी की व्यवस्था।
•सरकारी सब्सिडी: पौधारोपण, सिंचाई साधन (बोरवेल, पंपसेट) सहित अन्य जरूरतों के लिए अनुदान।
•कम श्रम लागत: खेती में न्यूनतम मजदूरों की आवश्यकता।
•कम बीमारी की संभावना: कीटनाशकों पर खर्च की बचत।
•दीर्घकालिक लाभ: यह एक बहुवर्षीय फसल है जो 25–30 वर्षों तक उत्पादन देती है।
•अंतरवर्ती फसल की सुविधा: शुरुआती वर्षों में अन्य फसलें उगाई जा सकती हैं।
•सरकारी मूल्य निर्धारण: ऑयल पाम की खरीदी के लिए सरकार द्वारा समर्थन मूल्य निर्धारित।
•बिचौलियों से मुक्ति: सीधी खरीदी कंपनी द्वारा की जाएगी।
•निरंतर मार्गदर्शन: विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी सलाह और फसल का नियमित निरीक्षण।
योग्यता एवं पात्रता:
•व्यक्तिगत और समूह किसान दोनों इस योजना में शामिल हो सकते हैं।
•समूह में शामिल होने के लिए सहमति शपथ-पत्र देना होगा।
•न्यूनतम 2 हेक्टेयर सिंचित भूमि पर खेती करने वाले किसानों को पंपसेट व बोरवेल पर अनुदान मिलेगा।
•सभी वर्ग के किसान अतिरिक्त अनुदान (टॉप-अप सब्सिडी) के लिए पात्र होंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत सरकार की ICAR-IIOPR समिति द्वारा वर्ष 2020 में किए गए मूल्यांकन के अनुसार छत्तीसगढ़ में हजारों हेक्टेयर भूमि ऑयल पाम उत्पादन के लिए उपयुक्त मानी गई है। धमतरी जिले की सिंचित भूमि इस दिशा में संभावनाओं से भरपूर है।
यह पहल न केवल किसानों की आय को बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि खाद्य तेल के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगी।

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