
धमतरी…. कलेक्टर अबिनाश मिश्रा के निर्देशानुसार आज धमतरी जिले के 168 शासकीय विद्यालयों में एक साथ पालक-शिक्षक मेगा बैठक (पीटीएम) का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य पालकों को विद्यालय से जोड़ते हुए बच्चों के शैक्षणिक, मानसिक और सामाजिक विकास में उनकी सहभागिता सुनिश्चित करना रहा।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रूद्री में आयोजित बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में पालक भी शामिल हुए।
सीईओ श्रीमती श्रीवास्तव ने कहा कि विद्यालय की पहचान केवल उसकी भौतिक संरचना से नहीं, बल्कि वहां की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अनुशासन और छात्रों के प्रदर्शन से होती है। उन्होंने कहा कि पालक-शिक्षक बैठक न केवल बच्चों की शैक्षणिक स्थिति को समझने का माध्यम है, बल्कि उनके व्यवहार और अन्य गतिविधियों की जानकारी लेकर उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन देने का भी अवसर है.
उन्होंने छात्रों को महापुरुषों की जीवनी पर आधारित पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित किया और कहा कि इससे उन्हें जीवन में संघर्ष और सफलता की प्रेरणा मिलेगी। विशेष रूप से कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह समय उनके भविष्य की दिशा तय करने वाला है, अतः गंभीरता से अध्ययन करें।
सीईओ ने अभिभावकों से आह्वान किया कि वे बच्चों की रुचि के अनुरूप उन्हें आगे बढ़ने में सहयोग करें और पढ़ाई के साथ-साथ खेल, कला और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित करें।शिक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने सप्ताह में एक दिन स्वच्छता, किचन गार्डन और सामूहिक गतिविधियों पर आधारित विशेष कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही। साथ ही विद्यार्थियों को शासकीय कार्यालयों का शैक्षणिक भ्रमण कराने, नियमित रूप से पढ़ाई की प्रगति जानने और विद्यालय को “आदर्श विद्यालय” बनाने के लिए समर्पित प्रयास करने पर बल दिया।
इस अवसर पर श्रीमती श्रीवास्तव ने अपनी ओर से विद्यालय की लाइब्रेरी के लिए पुस्तकों का दान देने की घोषणा की, और समाज के अन्य लोगों से भी पुस्तकें दान करने की अपील की। उन्होंने विशेष अवसरों पर विद्यालय में सामूहिक भोज (न्यौता भोज) के आयोजन का सुझाव भी दिया।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी पालकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को नशे और अन्य सामाजिक बुराइयों से दूर रखें तथा उनके भविष्य निर्माण में सहयोग करें। बैठक में पालकों और शिक्षकों से सुझाव आमंत्रित किए गए, जिससे विद्यालय की गुणवत्ता में और सुधार किया जा सके।