
कुरुद। (Kurud ) सुरक्षा निधि के नाम पर बिजली विभाग आम जनता को लूट रही है एक तरफ राज्य सरकार बिजली बिल हाफ वह गरीबों का मसीहा बने बैठा है दूसरी तरफ बिजली काबिल अनाप-शनाप आ रहा है और राज्य सरकार और बिजली कंपनी आम जनता का शोषण करने में लगा है बिजली का बिल कोई माफ नहीं है सब झूठ का पुलिंदा है सुरक्षा निधि के नाम पर प्रतिवर्ष एक रकम लिया जाता है आखिर उन्हीं का उपयोग कैसे करते हैं उपभोक्ता को उसका हिसाब देना चाहिए जब प्रतिमाह बिजली का बिल पटाया जा रहा है तो सुरक्षा निधि क्यों उसमें खपत करते तो समझ आता वह सुरक्षा निधि हर वर्ष जाता कहां है यह यह आम जनता के साथ लूट है जबकि देरी होने पर सर्च चार्ज जोड़कर बिजली बिल भेजा जाता है करोड़ों रुपया बिजली कंपनी आम उपभोक्ता से वसूल कर सुरक्षा दिन जी के नाम पर लूट मचा रखा है राज्य सरकार इसका जवाब दे और हिसाब दे हर जगह घूस तंत्र जारी है एक तरफ किसानों का 30% भूमि का मूल्य कम कर सरकारी अधिग्रहण पर बाजार मूल्य से आधे पर अधिग्रहण राशि दिया जा रहा है जबकि विगत सरकारों के द्वारा भूमि का मूल्य 10% हर साल बढ़ाया जाता था इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है दूसरी तरफ रजिस्ट्री चार्ज ढाई गुना बढ़ा दिया गया है यह कौन सा न्याय है किसानों की भूमि में संशोधन होने पर त्रुटि सुधार के लिए पटवारी और पंचायत को अधिकार होना चाहिए वह अधिकार एसडीएम और कलेक्टर को दे दिया गया क्या कृषक वर्ग के साथ न्याय हैं मंडी टैक्स 3% वृद्धि करने से व्यापारी द्वारा किसानों से वसूल कर दिया जाता है इससे किसानों को कम मूल्य प्राप्त होता है फसल बीमा का आकलन गलत ढंग से किया जाता है बीमा कंपनी वा राज्य सरकार किसानों को बीमा की नियम व शर्तें की कॉपी क्यों प्रदान नहीं करते बीमा का आकलन क्षतिपूर्ति का आधार पूर्णता गलत है किसानों को कृषि विभाग राजस्व विभाग बीमा कंपनी सहकारी बैंक वा राष्ट्रीय कृत बैंक कहां से बीमा प्रदान होगा कोई जानकारी नहीं दिया जाता एक दूसरे के ऊपर डाल दिया जाता है राज्य सरकार मौन क्यों हैं क्या किसानों का हितैषी ऐसा होता है उक्त मुद्दे के ऊपर कौन जवाबदेही है इन छोटी-छोटी समस्या किसानों के लिए सर दर्द बंद कर जिंदगी भर परेशान कर रहा है इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार सुधार करें तब पता चले गए क्या आप किसान हितैषी हैं कर्ज माफी योजना में लघु एवं सीमांत कृषक जो 85% ऋण फटा चुका होता है जो वास्तव में पूजा के योग्य है उसे क्या मिलता है वह ईमानदारी का परिचय देता है उसे कोई लाभ नहीं मिलता सरकार एक ऐसे नीति का निर्धारण करें जिससे सबको लाभ हो वह किसानों के हित में हो मैं भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष लालाराम चंद्राकर राज्य सरकार से निवेदन करता हूं उक्त मुद्दे को पर गंभीरता पूर्वक विचार करें व समस्या का समाधान करें।